18 सितंबर, 2009

चीन सीमा पर कारगिल जैसे हालात

सेना ने चीन सीमा से सटी हजारों सीमा चौकियों की साफ-सफाई का अभियान छेड़ा है। लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के जवानों को वहाँ तैनात किया गया है। उनका कहना है कि सर्दियों की शुरुआत से पहले ऐसा रूटीन अभ्यास करते हैं, लेकिन सच तो यह है कि कई सालों बाद चीनी सीमा पर तैनाती की गई है।

यह तैनाती ऐसे समय में हुई है, जब चीन की ओर से लद्दाख सेक्टर में घुसपैठ की घटनाओं को अंजाम देने के साथ ही इस मोर्चे पर लाखों चीनी सैनिकों को तैनात किया गया है।

कारगिल की तरह यहाँ की सीमा चौकियों को हमेशा खाली रखा जाता था। हालाँकि कारगिल युद्ध से पहले कारगिल की सीमा चौकियों को पाक सेना के साथ मौखिक समझौते के तहत सिर्फ सर्दियों में ही खाली किया जाता था। चीन सीमा पर ऐसा कोई मौखिक समझौता नहीं था।

पर अब यह जोखिम लेना पड़ रहा है। लेह स्थित सेना की 14वीं कोर के हजारों सैनिक अपने हथियारों और तोपखानों के साथ मोर्चाबंदी को पूरा कर रहे हैं। पहली बार सर्दियों में तैनाती हो रही है।

देश के अन्य भागों से जवान लद्दाख फ्रंटियर भेजे हैं। इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय जाँच कर रहा है कि चीन स्टडी ग्रुप की बैठक से संबंधित खबर किस अधिकारी के माध्यम से एक टीवी चैनल को प्राप्त हुई? पीएमओ के सूत्रों के अनुसार जब बैठक का निर्णय नहीं लिया, तब उसे स्थगित करने का सवाल ही नहीं उठता। चैनल को किसी अधिकारी ने गलत जानकारी दी है। (नईदुनिया)

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