07 सितंबर, 2009

बीपीएल कार्ड से आसान होगा ट्रेनों में इज्जत से सफर


इज्जत सेवा के लिए राज्य सरकार की बीपीएल सूची को मान्यता देकर रेलमंत्री ममता बनर्जी ने रेलवे की इज्जत बचाने की भरसक कोशिश की है। रेलमंत्री ने रेलवे बोर्ड को इस आशय का आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश सोमवार से ही लागू माना जाएगा। मंडल व जोनल कार्यालयों को सम्बन्धित दिशा-निर्देशों से अवगत कराने की जिम्मेदारी रेलवे बोर्ड की है। ममता के इस आदेश से बीपीएल कार्डधारी लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। दरअसल, अभी तक इज्जत सेवा के तहत मासिक सीजन टिकट बनवाने में गरीब मजदूरों को पापड़ बेलने पड़ रहे थे। राज्य सरकार के बीपीएल प्रमाण पत्र को रेलवे मान्यता नहीं दे रही थी। गरीब मजदूरों को रेलवे की ओर से दिए गए आवेदन के प्रारूप पर ही जिलाधिकारी से आय प्रमाण पत्र बनवाकर देने को कहा गया था। इन परेशानियों के कारण दानापुर मंडल में एक भी मजदूर इस योजना के तहत एमएसटी नहीं बनवा सका था। पूरे जोन में अब तक मात्र 25 आवेदन ही आए थे। अभी तक इस योजना का लाभ लेने के लिए गरीबों को रेलवे द्वारा निर्धारित आय प्रमाण पत्र के प्रारूप पर मुखिया से अग्रसारित करवाने के बाद अंचल कर्मचारी से अनुशंसा करवाकर सीओ/बीडीओ के यहां चिरौरी करनी पड़ती थी।इसके बाद उन्हें अनुमंडलाधिकारी से प्रमाण पत्र लेकर जिलाधिकारी के समक्ष आवेदन देना पड़ता था। इस आय प्रमाण पत्र को स्टेशन प्रबंधक के यहां जमा करना पड़ता था, तब जाकर इज्जत सेवा के तहत पास निर्गत करने की अनुमति दी जाती थी। इस प्रक्रिया में पर्याप्त समय लग जाता था, साथ ही आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता था। नई व्यवस्था के तहत, अब उपरोक्त प्रक्रिया की जगह राज्य सरकार की बीपीएल सूची मान्य होगी। बीपीएल कार्ड को स्टेशन प्रबंधक के पास दिखाना होगा; और उनके आदेश पर एमएसटी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एमएसटी पर तस्वीर भी लगी रहेगी, जिससे दूसरे यात्रा नहीं कर सकेंगे। इससे सूबे के 65 लाख बीपीएल परिवारों को सीधा फायदा होगा। इन परिवारों के बाहर मजदूरी करने वाले परिजनों को रेलवे पन्द्रह रुपये मासिक में प्रतिदिन सौ किमी की यात्रा कराएगी। ममता दीदी की इज्जत सेवा के लिए बनाया गया आय प्रमाण पत्र दो वर्षो के लिए मान्य होगा। आय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए रेलवे द्वारा प्रारूप ए एवं प्रारूप बी जारी किए गए हैं। प्रारूप ए में डीएम, लोकसभा के वर्तमान सांसद एवं विशेष परिस्थिति में मंडल रेल प्रबंधक में से किसी एक द्वारा अनुशंसा की जाएगी, जबकि प्रारूप बी में केन्द्रीय मंत्री अथवा राज्य सभा के सदस्यों द्वारा अनुशंसा की जाएगी। राज्य सभा के सदस्य अथवा केन्द्रीय मंत्री पूरे देश के किसी भी क्षेत्र के लोगों की अनुशंसा कर सकते हैं।

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