25 सितंबर, 2009

सीधे और परिश्रमी होते हैं बिहार के लोग

लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने बिहार के लोगों को सच्चा सीधा और परिश्रमी बताते हुए शुक्रवार को कहा कि वे जिस क्षेत्र में जाते हैं अपनी मेहनत से वहां का कायाकलप कर देते है. इस क्रम में उन्होंने देश में दिल्ली गुजरात और लेह सहित मॉरिशस फिजी त्रिनिदाद-टोबैगो सूरीनाम की मिसाल दी.

बिहार विधानसभा परिसर में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में मीरा ने कहा कि दूसरे देशों और प्रदेशों को चमकाने वाले बिहार के निवासियों से अपने प्रदेश में क्या चूक हो जाती है कि वे उसके कायाकलप में पिछड़ जा रहे हैं. बिहार को तीर्थंकर महावीर भगवान बुद्ध चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य शेरशाह सूरी की धरती बताते हुए मीरा ने कहा कि राज्य ने कई ऐसे रत्‍न दिए जिनका प्रकाश पूरे विश्व को प्रकाशित कर रहा है. अपने को बिहार की बेटी की संज्ञा देते हुए मीरा ने कहा कि उनका जन्म पटना के कदमकुआं में हुआ था और बाद में दिल्ली में पली-बढीं पर आज फिर उनकी कर्मभूमि बिहार ही है.

बिहार के दर्द-तकलीफ को अपना दर्द-तकलीफ बताते हुए मीरा ने कहा कि बिहार की प्राकृतिक बनावट ऐसी है इसका एक भाग हर वर्ष बाढ से प्रभावित होता है और दूसरा हिस्सा सूखा से प्रभावित हो जाता है. मीरा ने गत वर्ष कोसी नदी की बाढ़ और बिहार सहित देश के अन्य भागों में पड़ रहे सूखे के लिए उन्नत देशों द्वारा वातावरण के साथ खिलवाड़ का नतीजा बताया. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में प्रति व्यक्ति प्रत्येक वर्ष जहां चार टन कार्बनडाईआक्साईड का उत्सर्जन किया जा रहा है वहीं भारत में प्रति व्यक्ति इसका आंकडा केवल एक टन है.

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