आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि इस घटना के वक्त राज्यपाल गुरबचन जगत राजभवन में नहीं थे। बम का पता चलते ही कार को धक्का मारकर राजभवन से बाहर ले जाया गया और बाद में मणिपुर पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में बम को निष्क्रिय कर दिया गया। अभी यह साफ नहीं हो सका है कि बम में टाइमर लगा था या नहीं।
सूत्रों के मुताबिक कार शुक्रवार सुबह ही पार्किग में खड़ी की गई थी। कार की नंबर प्लेट सही थी या फर्जी, इसका भी अभी पता नहीं चल पाया है। पुलिस इस बात का पता लगा रही है कि यह कार कड़ी चौकसी वाले राजभवन में कैसे पहुंची। अभी तक किसी व्यक्ति या संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है।