08 सितंबर, 2009

अदालत ने जेल में कराया निकाह

रिश्ते बेशक स्वर्ग में बनते हों, लेकिन इन्हें अंजाम कहीं भी दिया जा सकता है चाहे वह जेल ही क्यों न हो। कोडरमा जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दो परिवारों के बीच एक शादी विवाद को निपटाने के लिए ऐसा आदेश दिया, जिसके पालन में अरमान अली का उस लड़की के साथ निकाह हुआ, जिसके साथ बलात्कार करने के आरोप में वह जेल में बंद है।
कोडरमा जेल के अधीक्षक मार्टिन राजन शा ने बताया कि कोडरमा जिले के जलालाबाद गाँव का 23 वर्षीय अरमान लगभग एक महीने पहले बिहार के नवादा जिले के रिज्जत गाँव की 19 वर्षीय रूफी रजाक नाम की लड़की के साथ भाग गया था।
दोनों 10 दिन तक दिल्ली के एक होटल में रहे लेकिन अरमान अपने माता-पिता की बीमारी के बारे में जानकर लड़की के साथ अपने गाँव लौट आया। लड़के के माता-पिता ने लड़की को स्वीकार नहीं किया और कहा कि वह अपने माँ-बाप के पास चली जाए। इस पर लड़की अपने घर लौट गई।
रूफी के माँ-बाप ने अरमान के घरवालों से बार-बार आग्रह किया कि दोनों को शादी करने दी जाए लेकिन लड़के के माता-पिता टस से मस नहीं हुए।
इस पर लड़की के पिता सैयद अयूब रजाक ने कोडरमा पुलिस स्टेशन में अरमान के खिलाफ मामला दर्ज कराया कि वह उनकी लड़की को जबरन भगाकर ले गया और दिल्ली के एक होटल में दस दिन तक उसके साथ बलात्कार किया।
मामला दर्ज करने के बाद कोडरमा पुलिस ने अरमान को गिरफ्तार कर लिया और उसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चंद्रेश कुमार की अदालत में पेश किया जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। घटनाक्रम से परेशान होकर अरमान के माँ-बाप आखिरकार शादी के लिए तैयार हो गए और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में समझौता याचिका दायर की।
इस पर न्यायाधीश ने कहा कि अरमान को जमानत तभी दी जाएगी जब वह जेल के भीतर लड़की से शादी करेगा। उन्होंने जेल अधीक्षक को निकाह संपन्न कराने का भी आदेश दिया।
जेल अधीक्षक ने न सिर्फ निकाह के लिए इंतजाम किया बल्कि जेल के भीतर पारंपरिक भोज भी दिया, जिसमें अधिकारियों के अतिरिक्त वर-वधू दोनों पक्षों के रिश्तेदार शामिल हुए और युगल को आशीर्वाद दिया।

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