14 अगस्त, 2009

चीनी के थोक व खुदरा व्यापरियों का कोटा तय

आसमान छूते दाम की वजह से कड़वी हो चली चीनी की मिठास बरकरार रखने के लिए राज्य सरकार ने उपाय तलाश लिया है। चीनी के स्टाकिस्टों को अब लाइसेंस लेना होगा। सरकार ने थोक व खुदरा विक्रेताओं की स्टाक लिमिट भी निर्धारित कर दी है। लिहाजा अब तय सीमा से अधिक चीनी रखने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की सुसंगत धारा के अंतर्गत कार्रवाई भी होगी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने अपने फैसले को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है। फैसले के मूल में चीनी की जमाखोरी रोकना है। विभाग की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक थोक विक्रेताओं के लिए चीनी की अधिकतम स्टाक सीमा 2000 क्विंटल जबकि खुदरा व्यापारियों के लिए 50 क्विंटल निर्धारित की गयी है। स्टाक की गणना चीनी के उठाव की तारीख से महीने भर की अवधि के लिए की जायेगी। यानी एक स्टाक और दूसरे स्टाक उठाव के बीच न्यूनतम अवधि 30 दिनों की होगी।

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