07 अगस्त, 2009

गया में नहीं होगा ‘ऑनलाइन पिंडदान’

बिहार सरकार ने गया में ‘ऑनलाइन पिंडदान’ दान का प्रस्ताव वापस ले लिया है और अब पुरानी व्यवस्था के तहत ही पिंड दान होगा। पिछले दिनों राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह घोषणा की थी कि विदेशों में रहने वाले भारतीय भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अपने पूर्वजों और पितरों का पिंडदान कर सकेंगे और इसके लिए उन्हें क्रेडिट कार्ड द्वारा भुगतान करना होगा।
इस प्रकार की ऑनलाइन पिंडदान की व्यवस्था बिहार राज्य पर्यटन विभाग के अंतर्गत की जानी थी। मोदी की घोषणा के बाद गया के पंडों सहित कई धार्मिक संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध किया था। राज्य के लोक निर्माण मंत्री प्रेम कुमार ने शुक्रवार को बताया कि एक उच्च स्तरीय बैठक में इस प्रस्ताव को वापस ले लिया गया।
उन्होंने बताया कि अब पुरानी व्यवस्था के तहत ही लोग अपने पूर्वजों का पिंड दान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस वर्ष पितृपक्ष में आठ लाख तीर्थयात्रियों के गया पहुंचने की संभावना है। इस कारण गया में स्वच्छता एवं तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके तहत छह तालाबों तथा विभिन्न स्थानों पर पिंडदान के लिए शेड के निर्माण सहित कई विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
प्रतिवर्ष अश्विन माह में लगने वाला पितृपक्ष इस वर्ष तीन से 18 सितंबर तक होगा। मान्यता है कि दिवंगत आत्मा की शांति तथा वैतरणी पार कराने के लिए पिंडदान करना आवश्यक है। इसी मान्यता के तहत के लाखों लोग पितृपक्ष के मौके पर अपने पूर्वजों के पिंडदान के लिए गया आते हैं।

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