जस्टिस एके. सीकरी की पीठ ने जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी सोसाइटी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की अनुमति देते हुए आयकर महानिदेशक को आदेश दिया है कि वह इस डीम्ड यूनिवर्सिटी का पंजीकरण आयकर अधिनियम के तहत करें और उसे आयकर लाभ मुहैया कराएं। पीठ ने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की दलील खारिज कर दी कि जेपी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी सोसाइटी को आयकर अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह संस्थान शिक्षा देने के अलावा बाहरी शिक्षा भी देता है। इसका कार्यक्रम विस्तृत है और अन्य गतिविधियां भी संचालित करता है।
बाहरी शिक्षा के तहत संस्थान या विश्वविद्यालय परिसर से दूर रहने वाले छात्रों को शिक्षा प्रदान करते हैं। इनमें ऐसे छात्र आते हैं, जो कक्षाओं में नहीं आ पाते। इस पर अदालत ने कहा है कि वास्तविक शिक्षा वह है, जो छात्र को सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाए। इस उद्देश्य के लिए उसकी समाज में गहरी भागीदारी आवश्यक है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का विचार है कि इस उद्देश्य को बाहरी शिक्षा, कार्यक्रम विस्तार और क्षेत्र संबंधी अन्य कार्यक्रमों के जरिए प्राप्त किया जा सकता है।