अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश [तृतीय] विजय प्रकाश मिश्र ने राजद नेता बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में जद यू विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला, लोजपा के पूर्व सांसद सूरजभान सिंह और पूर्व विधायक राजन तिवारी और पांच अन्य अभियुक्त मंटू तिवारी, ललन सिंह, कैप्टन सुनील सिंह, मुकेश सिंह और रामनिरंजन चौधरी को दोषी ठहराते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
न्यायधीश ने इन अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ-साथ बीस-बीस हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। इसके अलावा इस मामले में दोषी ठहराए गए एक अन्य आरोपी जद यू विधायक शशि कुमार राय को दो वर्ष की सजा सुनाई है, जबकि एक अन्य आरोपी सुनील सिंह ने बेउर जेल में बंदी के दौरान आत्महत्या कर ली थी।
बिहार के शिवहर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद रामा देवी अपने पति और आदापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे बृजबिहारी प्रसाद के हत्या मामले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रामा देवी हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव के दौरान राजद छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई। पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में इलाज करा रहे बृज बिहारी की 13 जून वर्ष 1998 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बृज बिहारी की अस्पताल के प्रांगण में अपने सुरक्षा गार्ड लक्ष्मेश्वर साह और एक अन्य सहयोगी रवींद्र भगत के साथ टहलने के दौरान शाम को गोली मारी गई थी।
गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के मेघा घोटाला की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही थी जिसके आरोपी प्रसाद को इलाज के लिए बेउर जेल से इलाज के लिए इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती कराया गया था। करीब 11 साल चले इस मामले की सुनवाई के दौरान 72 गवाहों ने अदालत के समक्ष अपने बयान दर्ज कराए।