06 अगस्त, 2009

मुंबई बमकांड, तीनों आरोपियों को फाँसी

विशेष पोटा अदालत ने गुरुवार को 25 अगस्त 2003 को हुए दोहरे बम विस्फोट में दोषी करार दिए गए तीनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई।
सरकारी पक्ष ने हनीफ सैयद, उसकी पत्नी फेहमिदा और तीसरे आरोपी अशरत अंसारी को मौत की सजा की माँग की थी। गेटवे ऑफ इंडिया और झवेरी बाजार में हुए इन बम विस्फोटों में 54 लोग मारे गए थे। 100 अन्य घायल हुए थे।
सैयद और फेहमिदा को गेटवे ऑफ इंडिया पर बम रखने का दोषी पाया गया, जबकि अंसारी ने झवेरी बाजार में बम रखे थे। इनमें आरडीएक्स का इस्तेमाल किया गया था।
बचाव पक्ष के वकील ने फेहमिदा को फाँसी दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि वह एक अशिक्षित मुस्लिम महिला है और उसने केवल अपने पति का साथ दिया, लिहाजा उसे फाँसी की सजा न दी जाए।
इसके विरोध में सरकारी पक्ष के वकील उज्ज्वल निकम का कहना था कि इन आरोपियों ने सोच-समझकर पूरे होशो-हवास में विस्फोटों को अंजाम दिया, इसलिए इन्हें सजा-ए-मौत ही मिलना चाहिए।

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