26 अगस्त, 2009

चारा घोटाला के एक मामले में 42 अभियुक्त दोषी करार

सीबीआई की एक विशेष अदालत ने 1990 के दशक की शुरुआत में हुए चारा घोटाले के तहत फर्जी बीजकों का इस्तेमाल करके गुमला कोषागार से 13 करोड़ 69 लाख रुपये निकालने के आरोपी 42 लोगों को मंगलवार को दोषी करार दिया।

अदालत ने मुजरिम करार दिए गए 11 लोगों को तीन साल की कैद और 50 हजार से 25 लाख रुपये तक के जुर्माने की सजा सुनाई है। शेष 31 दोषियों को बुधवार को सजा सुनाई जाएगी।

ए एच अंसारी की अदालत ने मामले के दो अभियुक्तों पूर्व पशुपालन अधिकारी डॉक्टर सुनील कुमार सिन्हा और एक अन्य व्यक्ति अजय वर्मा को बरी कर दिया। दोषी करार दिए गए लोगों में पशुपालन विभाग के पूर्व निदेशकों जूनुल भेंगराज, डॉक्टर के एन झा, पूर्व सहायक निदेशक डॉक्टर के एम प्रसाद और एक अन्य पशुपालन अधिकारी डॉक्टर के बी लाल भी शामिल हैं। मुजरिम ठहराए गए अन्य लोगों में निचले दर्जे के सरकारी अफसर और चारा आपूर्तिकर्ता शामिल हैं।

चारा घोटाले से सम्बन्धित 53 मामलों में से यह ऐसा 34वां मुकदमा है जिसमें अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया है। गौरतलब है कि साल 1991 में बिहार में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के मुख्यमंत्रित्व काल के दौरान 950 करोड़ रुपये का चारा घोटाला सामने आया था। लालू पर भी इस घोटाले से सम्बन्धित पांच मुकदमे चल रहे हैं।

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