14 अगस्त, 2009

देश में हुई स्‍वाइन फ्लू से 23वीं मौत

स्वाइन फ्लू ने अपना पांव पसारते हुए बेंगलूर में पहली बार एक शिक्षिका को अपना शिकार बनाया वहीं पुणे में आज इस बीमारी से एड्स के एक रोगी सहित पांच लोगों की मौत हो गई.
देश भर में स्वाइन फ्लू के शिकार लोगों की संख्या बढ़कर 23 हो चुकी है. इस बीच प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि भय का वातावरण नहीं बनाया जाना चाहिए और सरकार अपनी ओर से हरसंभव कोशिश कर रही है.
स्‍वाइन फ्लू से पुणे सबसे अधिक प्रभावित
बेंगलूर की शिक्षिका की पहचान 26 वर्षीय रूपा के रूप में हुई है जो एक निजी स्कूल में पढ़ाती थी. स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उनका इलाज सेंट फिलोमेना अस्पताल में चल रहा था. उनकी मौत कल हुई. पुणे में आठ माह के बालक स्वाभिमान कांबले, 37 वर्षीय महिला अर्चना कोल्हे, 75 वर्षीय भारती गोयल, 70 वर्षीय पारूभाई शिंदे और एचआईवी पाजीटिव 44 वर्षीय प्रभाकर वारियागर की मौत हो गई. पुणे में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 15 हो गई है.
दिल्‍ली में सामने आए 16 स्‍वाइन फ्लू के मामले
दिल्ली में सामने आए 16 मामलों में से 13 को आपसी संपर्क से रोग लगा है और तीन अन्य विदेश यात्रा से लौटे हैं. इन तीन में एक 14 साल का किशोर ब्रिटेन से,19 साल का किशोर चीन से और एक 17 साल का किशोर अमेरिका से लौटे हैं. बेंगलूर में सभी नौ मामले आपसी संपर्क के हैं ,इनमें से कोई विदेश से नहीं लौटा है. मंगलोर का एकमात्र रोगी भी विदेश नहीं गया था और उसे किसी रोगी से ही यह सौगात मिली है. इसी तरह गुड़गांव से जो मामला सामने आया है वह भी किसी रोगी के संपर्क में आने से हुआ है.

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