21 अगस्त, 2009

सरकारी बंगलों पर 17 पूर्व मंत्रियों का अवैध कब्जा

पूर्व मंत्री जगदीश टाइटलर, मणिशंकर अय्यर, शंकरसिंह वाघेला, रामविलास पासवान उन 17 पूर्व मंत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने पॉश लुटियंस जोन में अवैध तौर पर सरकारी बंगलों पर कब्जा किया हुआ है। हालाँकि शहरी विकास मंत्रालय द्वारा इन मामलों को संबंधित विभाग को सौंपा जा चुका है।

दस अगस्त 2009 के ताजा आँकड़ों के अनुसार 36 सरकारी इमारतों पर अवैध कब्जा था जिसमें पूर्व रक्षामंत्री जार्ज फर्नांडीस, कांशीराम राणा, कांतिसिंह और रामविलास पासवान शामिल हैं। इनमें से 19 को खाली कर दिया गया है।

सामान्य पूल के बंगलों पर अवैध कब्जा करने वाले पूर्व मंत्रियों और पूर्व सांसदों में विनोद खन्ना, सलीम इकबाल शेरवानी, चरणजीतसिंह अटवाल, एसएन जटिया, प्रियरंजन दासमुंशी, सुब्बुलक्ष्मी जगदीशन शामिल हैं।

यह मामले तब सामने आए जब सूचना का अधिकार कार्यकर्ता सुभाष चंद्र अग्रवाल ने इस अधिनियम के तहत सरकारी इमारतों पर अवैध तौर पर काबिज लोगों से संबंधित जानकारी माँगी। इस सूची में उन्होंने उन लोगों के बारे में भी जानकारी माँगी थी, जो हाल के लोकसभा चुनावों के बाद सेवानिवृत्त हो गए हैं।

इससे पहले की सूची में पूर्व केन्द्रीय मंत्री कांशीराम राणा का नाम अवैध तौर पर सरकारी इमारतों पर कब्जा करने वाले लोगों में शामिल था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे परिसर खाली कर चुके हैं। 13 अगस्त 2009 को अपने जवाब में संपदा विभाग ने कहा था कि सूची में अपना नाम शामिल होने के संबंध में कांशीराम राणा के विरोध का जहाँ तक सवाल है तो अभी तक संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र नहीं मिला है।

अवैध तौर पर परिसर में रह रहे ऐसे लोगों से खाली हुई सरकारी इमारत को हासिल करने की प्रक्रिया और मौजूदा स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में संपदा विभाग ने अपने पिछले जवाब में कहा था कि अवैध तौर पर कब्जा किए जाने की स्थिति में आवंटन को निरस्त करने और परिसर खाली करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

इसमें कहा गया है कि ऐसे सभी मामलों को आवश्यक कार्रवाई के लिए वाद विभाग को सौंप दिया गया है। अवैध तौर पर कब्जा करने वालों में तेदेपा नेता येर्रन नायडू, रेणुका चौधरी, अखिलेश प्रसाद सिंह, तसलीमुद्‍दीन, सूर्यकांत पाटिल, जयप्रकाश नारायण यादव और सुभाष महरिया शामिल हैं।

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