07 मई, 2009

निरंजन सिंह गिरोह का विरोध तो मौत की नींद

पत्‍‌नी व दो बेटे को खूनी संघर्ष में गंवा चुके पुलकित सिंह का कहना है जब हरिओ स्थित बीचली टोला में उसके घर को घेरकर एक दर्जन से अधिक अपराधी मौत का नंगा नाच कर रहे थे तब उसके परिजनों की चीख पुकार सुनकर भी मदद के लिए ग्रामीण नहीं पहुंचे। उल्टे गोलियों की आवाज सुनकर टोले के लोगों ने अपने घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर लिए। यह तो संयोग था कि गोलियों व बमों की आवाज सुन व अपराधियों की मंशा भांप उसकी पतोहु कविता देवी अपने एक साल के बेटे दिलखुश को लेकर घर से भाग गई। अन्यथा अपराधी उसे भी मौत के घाट उतार देते। मां व भाई के गोलियों से छलनी शरीर को देख पलभर में माजरा समझ दस वर्षीया भीला कुमारी भी किसी तरह भाग कर बहसी अपराधियों से प्राण बचाने में सफल रही। भागने के दौरान उस पर भी हमला किया गया था। उसके पीठ पर बने जख्म घटना की भयावहता का बयां कर रहा है। पुलकित सिंह भयभीत होकर कह रहा है कि निरंजन सिंह गिरोह का जिसने भी विरोध किया है उसे मौत की नींद सुला दिया गया है। निरंजन सिंह गिरोह के खौफ से पूरा इलाका दहशत में जीता है। एसडीपीओ कृष्ण कुमार शर्मा ने गुरूवार को हरिओ जाकर दोहरे हत्याकांड का जायजा लिया। एसडीपीओ के अनुसार निरंजन सिंह गिरोह के सदस्यों ने घटना को अंजाम दिया है। गांव में तनाव को रोकने व मृतक के परिजनों की सुरक्षा के लिए गांव में पुलिस की तैनाती कर दी गई है। घटना की प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। उधर एसपी गोपाल प्रसाद के अनुसार हत्यारों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया है।

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