संयोगवश राजनीति में आने वाले मनमोहन सिंह ने इतिहास रच दिया है और कमजोर प्रधानमंत्री बताने वालों को मुंहतोड़ जवाब भी दे दिया. लोकसभा चुनाव के नतीजों और रुझानों के बाद मनमोहन सिंह ने अपने विरोधियों को शांत कर दिया है और यह बात भी सही है कि उन पर हमला बोलने वाली भाजपा तथा वाम दल अब कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं.
अर्थशास्त्री से राजनीतिज्ञ बने सिंह को भारत में आर्थिक सुधारों का जनक कहा जाता है. वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री बनने के लिए तैयार हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुकाबले मनमोहन ने संभवत: गठबंधन सरकार कहीं अधिक कुशलता से चलायी.
वाजपेयी को 13 महीने बाद दोबारा प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला था लेकिन मनमोहन ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया और फिर देश की बागडोर संभालने जा रहे हैं. कांग्रेसियों के बीच डाक्टर साहब के नाम से मशहूर मनमोहन 1991 से ही कांग्रेस के शीर्ष नेताओं में से एक रहे हैं.
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