20 अप्रैल, 2009

बाइस वर्षो बाद भी नहीं बना अस्पताल भवन

रंगरा चौक प्रखंड क्षेत्र के सधुआ व आसपास गांवों के लोग आजादी के 61 वर्षो बाद भी स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। स्वास्थ्य उपकेंद्र के अभाव में सधुआ चापर पंचायत की दस हजार आबादी को घोर परेशानियों का समाना करना पड़ रहा है।
सधुआ स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन वर्ष 1987 की प्रलयंकारी बाढ़ में पूर्णत: क्षतिग्रस्त हो गया था। तब से लेकर आज तक गांव में स्वास्थ्य उपकेंद्र भवन निर्मित नहीं हुआ है। उपकेंद्र में पदस्थापित सुलेखा-देवी नर्स चापर हाट स्थित किराये के भवन में अस्पताल आ रही है। किराये का भवन इतना छोटा है कि इलाज के लिए सामान व बेड भी उपलब्ध नहीं है।
मो. नियाजुल हक कहते हैं स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं रहने से प्रसव पीडि़त महिलाओं को प्रसव के लिए वैसी मरीजों को बारह किलोमीटर दूर नवगछिया अस्पताल जाना पड़ता है। इससे गंभीर मरीजों के लिए रास्ते भर जान का खतरा बना रहता है। इस संबंध में शिवपूजन पाल कहते हैं भवन क्षतिग्रस्त होने के 22 वर्षो बाद भी गांव में स्वाथ्य भवन का निर्माण नहीं हो पाया। चुनाव के समय नेता जब वोट मांगने आते हैं तो वे भवन निर्माण कराने का वादा तो करते हैं लेकिन उन्होंने अबतक उसे पूरा नहीं कर दिखाया है।
अजमानुल हक, सिकंदर यादव, दिलीप सिंह, शिव शंकर जयसवाल व मनोज मंडल कहते हैं कि सभी दलों के नेताओं ने ग्रामीणों को सिर्फ ठगा है। चुनाव में वे गांव आने वाले प्रत्याशियों से इस मुद्दे पर जवाब मांग रहे हैं।

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