29 सितंबर, 2010

अयोध्या पर फैसला 30 सितम्बर को

अयोध्या विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच 30 सितम्बर को दोपहर 3.30 बजे अपना फैसला सुनाएगी। इस विवाद से संबंधित 5 फैसले सुनाए जाने हैं।

अयोध्या विवाद के जिन पाँच फैसलों को सुनाया जाना है, उसमें से एक फैसले की वकील रंजना अग्निहोत्री भी है। 'वेबदुनिया' से बा‍तचीत करते हुए रंजना ने बताया कि उन्हें हाईकोर्ट ने सूचित किया है कि अयोध्या विवाद से संबंधित सूट संख्या 4/1989, रेग्यूलर सूट नंबर 12/1961 जो 18 दिसम्बर 1961 को दाखिल हुआ था, उसमें डिफेंडेंट संख्या 20 है, उसका फैसला 30 सितम्बर को सुनाया जाएगा।

रंजना अग्निहोत्री इस केस में अखिल भारतीय श्रीरामजन्म भूमि पुनरुद्धार समिति की वकील हैं, जिसके संरक्षक जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद हैं।

आपात बैठक : उत्तरप्रदेश की मुखयमंत्री मायावती ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या विवाद के बारे में दिए गए निर्णय के बाद कानून व्यवस्था से जुडे़ वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक आपात बैठक मंगलवार को अपने निवास पर बुलाई, जिसमें उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति की गहन समीक्षा की।

मुख्‍यमंत्री ने पुलिस एवं प्रशासन के सर्वोच्च अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी हालत में सांप्रदायिक तत्वों को प्रदेश में अमनचैन से खिलवाड़ करने की अनुमति न दी जाए और ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाए।

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सुरक्षित फैसले को टालने संबंधी रमेश चन्द्र त्रिपाठी की याचिका खारिज हो जाने पर राम जन्मभूमि मुक्ति संघर्ष समिति के सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद ने फैसले के प्रति प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इस फैसले से न्यायपालिका के प्रति लोगों का विश्वास और आस्था बढ़ी है।

राज्य के पूर्व महाधिवक्ता और उत्तरप्रदेश अल्पसंखयक आयोग के पूर्व अध्यक्ष एसएमएए काजमी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या मामले पर फैसले की सुनवाई टालने संबंधी याचिका को खारिज करने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अयोध्या जैसे संवेदनशील मुद्‌दे को तवा समझकर राजनेता अपनी रोटी न सेंकें।

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