11 अगस्त, 2010

पशु बलि पर सरकार गंभीर

मंदिरों में हाथियों पर हो रहे अत्याचार तथा जानवरों की खरीद फरोख्त के लिए आयोजित होने वाले गैर कानूनी पशु मेलों को शर्मनाक करार देते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सरकार व्यापक पशु कल्याण विधेयक लाने के प्रति पूरी तरह गंभीर है।
देश के विभिन्न भागों में प्रचलित पशु बलि की प्रथा पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और सरकार सतर्कता के साथ इस मसले पर आगे बढ़ेगी।
रमेश ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान रमाशंकर राजभर, लालू प्रसाद यादव और मेनका गाँधी के सवालों के जवाब में कहा कि पशुओं का कल्याण केन्द्र सरकार के शीर्ष एजेंडे में शामिल है और इसके लिए व्यापक पशु कल्याण विधेयक लाया जाएगा।
मेनका गाँधी ने अपने सवाल के जरिए कहा कि 1960 के पशु क्रूरता निवारण अधिनियम में कानून का उल्लंघन करने वाले पर मात्र 50 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। उनकी बात का समर्थन करते हुए रमेश ने जुर्माने के प्रावधान को हास्यास्पद बताया और साथ ही कहा कि छह राज्यों में धार्मिक स्थलों पर पशुओं की बलि पर प्रतिबंध है और बाकी राज्यों को भी उनका अनुकरण करना चाहिए।
रमेश ने कहा कि केन्द्र सरकार इस संबंध में राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी करेगी। उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मसला है और इस दिशा में सतर्कता से आगे बढ़ना होगा।
इससे पूर्व मेनका गाँधी ने कहा कि दशहरे के मौके पर देश के विभिन्न भागों में पशुओं की बलि दी जाती है और यह संगठित अपराध का स्वरूप ले चुका है।

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