20 अगस्त, 2010

सांसदों के वेतन में तिगुनी वृद्धि

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सांसदों के मूल वेतन में तीन गुना वृद्धि करते हुए उसे 16 हजार रुपए से बढ़ाकर 50 हजार रुपए करने के साथ ही अन्य भत्तों को भी दोगुना करने को अपनी मंजूरी दे दी।

इस मुद्दे पर मंत्रियों के बीच मतभेदों को लेकर ऐसी अटकलें लगायी जा रही थी कि सांसदों के वेतन में वृद्धि संबंधी फैसला आने में देर होगी लेकिन आज कैबिनेट ने सांसदों का मूल वेतन 16 हजार से बढ़ाकर 50 हजार रुपए प्रति माह करने को अपनी मंजूरी दे दी।

हालाँकि यह वृद्धि संसदीय समिति की सिफारिशों से काफी कम है, जिसने कहा था कि सांसदों को सरकारी सचिवों से अधिक वेतन मिलना चाहिए क्योंकि वे वरीयता क्रम में उनसे उपर हैं। समिति ने इसे बढ़ाकर 80,001 रुपए करने की सिफारिश की थी।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि सांसदों को प्रति माह मिलने वाले कार्यालय खर्च की सीमा को भी बढ़ाकर 20 हजार रुपए से 40 हजार रुपए कर दिया है और साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को भी 20 हजार रूपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपए कर दिया गया है।

निजी वाहन खरीदने के लिए सांसदों को मिलने वाले ब्याज मुक्त ऋण की सीमा को भी चार गुणा बढ़ाते हुए एक लाख रुपए से चार लाख रुपए कर दिया गया है।

सरकार ने सांसदों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले वाहनों की रोड माइलेज रेट को भी 13 रुपए प्रति किलोमीटर से बढ़ाकर 16 रुपए प्रति किलोमीटर कर दिया है।

सूत्रों ने बताया कि सांसद की पत्नी या पत्नी अब चाहे जितनी बार प्रथम श्रेणी या एग्जीक्यूटिव श्रेणी में यात्रा कर सकेंगे। पेंशन लाभ को भी मौजूदा आठ हजार रुपए प्रति माह से बढ़ाकर 20 हजार रुपए प्रति माह किया गया है।

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