21 अप्रैल, 2010

अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन हरिद्वार में

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि दुनिया की सभी भाषाओं की जननी संस्कृत को विश्वव्यापी बनाने के लिए तीर्थ नगरी हरिद्वार में शीघ्र ही अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

निशंक ने गायत्री परिवार द्वारा स्थापित देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणब पंड्या के साथ बैठक के दौरान कहा कि हरिद्वार को पूरी दुनिया में संस्कृत के केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यहाँ से ही संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए एक वातावरण बनाकर इसे पूरी दुनिया में ले जाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संस्कृत में कार्यरत विशेषज्ञों, विद्वानों, संस्थानों और अन्य लोगों का एक व्यापक सम्मेलन आयोजित करने के लिए कार्य योजना बनाई जाए और इसमें देव संस्कृति विश्वविद्यालय राज्य सरकार की मदद करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सम्मेलन में संस्कृत भाषा के क्षेत्र में कार्य कर रही विद्वानों और संस्थाओं को आमंत्रित किया जाएगा।

निशंक ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अध्यात्म, योग और जड़ी-बूटी पर आधारित पर्यटन के विकास के लिए कई योजना चला रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण का प्रभावी संदेश देने के लिए बद्रीश वन और नक्षत्र वाटिका योजना बनाई गई है।

बैठक में पंड्या ने निशंक को संस्कृत भाषा का प्रदेश में दूसरी राजभाषा का दर्जा देने पर बधाई दी और कहा कि जिस सफलता से इस वर्ष महाकुंभ का आयोजन किया गया, उसकी पूरी दुनिया में प्रशंसा की जा रही है।

उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय संस्कृत सम्मेलन में उनका विश्वविद्यालय हर तरह का सहयोग करेगा।

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