10 जनवरी, 2010

पशु तस्करी का धंधा बेरोकटोक जारी

राजेश कानोडिया
पिछले कई वर्षो से नवगछिया क्षेत्र में पशु तस्करी का धंधा बेरोकटोक जारी है। स्थानीय पुलिस कर्मियों की मिलीभगत से पशु तस्कर और पुलिस कर्मी दोनों मालामाल हो रहे हैं। जिसमें राष्ट्रीय उच्च पथ भी वरदान साबित हो रहा है। नवगछिया एवं आसपास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध पकरा में रविवार को मवेशी हाट लगता है। जिसमें गाय, बैल, भैंस, बकरी, खस्सी इत्यादि मवेशियों की विक्री होती है। जहां नारायणपुर, बिहपुर, खरीक, सोनवर्षा, गनौल, परबत्ता, ध्रुवगंज, गोपालपुर, रंगरा, नवगछिया, कटरिया, कुर्सेला, ढोलबज्जा, आमलनगर, फुलौत इत्यादि विभिन्न जगहों के पशुपालक अपने-अपने पशुओं को लेकर पहुंचते हैं। यहां पहले से तैनात रहते हैं पशु तस्कर। जो व्यापारी के नाम से जाने जाते हैं। ये लोग बिक्री हेतु आई गायें, बैल, बकरियों को मनमाने भाव में खरीद कर छोटे तथा बड़े दर्जनों वाहनों के सहारे अन्य राज्यों तथा विदेशों को आपूर्ति करते हैं। जहां इनको इन मवेशियों की अच्छी खासी कीमत मिला करती है। इस कार्य में इनका अपना नेटवर्क भी है। जिसका जाल विदेशों तक में फैला हुआ है। पकरा हटिया से पशु भरे वाहन ले जाने के लिए राष्ट्रीय उच्च पथ भी इनके लिए वरदान ही है। पहले तो पकरा हटिया से निकलने वाले पशु वाहन पुलिस उपाधीक्षक के निवास के सामने से गुजरते थे। जहां रास्ते में मोटी रकम वसूलने की पुख्ता व्यवस्था रहती है। इन दिनों इससे बचने का नया रास्ता पशु तस्करों ने ढूंढ लिया है। जहां मात्र बीस से पचास रुपए में बात बन जाती है। फिलहाल हर रविवार को पकरा हटिया से निकलने वाले पशु वाहन 14 नंबर सड़क के सहारे कमन्दपुर गांव होते हुए मकन्दपुर चौक के रास्ते राष्ट्रीय उच्च पथ पर पहुंचते हैं। इस रास्ते में मकन्दपुर चौक पर ही तैनात पुलिस कर्मी या पिछले रास्ते में तैनात कोई पुलिस कर्मी दूर से ही गाड़ी पहचान लेते हैं। जहां गाड़ी वाले भी पहले से उनकी मुट्ठी गर्म करने के लिए तैयार रहते हैं।

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