कभी विधायक नहीं बन सके शिबू सोरेन
झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में बुधवार को शपथ लेने वाले शिबू सोरेन की किस्मत भी अजीब रही है। तीन बार मुख्यमंत्री बनने वाले झामुमो सुप्रीमो कभी विधानसभा के लिए निर्वाचित नहीं हो सके।वर्ष 2005 में झारखंड विधानसभा के लिए पहले चुनाव हुए थे और त्रिशंकु विधानसभा के हालात में दो मार्च 2005 को सोरेन पहली बार राज्य के मुख्यमंत्री बने।उस समय सोरेन लोकसभा सदस्य थे और उन्हें चुनाव लड़ने का भी मौका नहीं मिल पाया क्योंकि अपना बहुमत साबित करने में विफल रहे गुरुजी को नौ दिनों के बाद अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा।निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री मधु कोडा की सरकार के पतन के बाद गुरुजी दूसरी बार 27 अगस्त 2008 को मुख्यमंत्री बने। उस समय भी वे लोकसभा के सदस्य थे और संविधान के प्रावधानों के अनुसार छह महीने के भीतर उन्हें राज्य विधानसभा के लिए सदस्य चुना जाना अनिवार्य था।तब सोरेन ने तमाड़ सीट से उपचुनाव लड़ा। इस वर्ष तीन जनवरी को हुए उपचुनाव में झारखंड पार्टी के उम्मीदवार गोपाल कृष्ण पातर उर्फ राजा पीटर ने उन्हें 10 हजार से अधिक मतों से पटखनी दे दी।सोरेन के पास कोई चारा नहीं था। 12 जनवरी को उन्हें मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद किसी ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया, जिसके चलते झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया।सोरेन अब भी विधानसभा सदस्य नहीं है और उन्हें छह महीने के भीतर विधानसभा के लिए निर्वाचित होना अनिवार्य है। झामुमो प्रवक्ता रमेश हंसदा ने कहा कि अभी तक हमने निर्णय नहीं किया है कि गुरुजी किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, लेकिन संथाल परगना क्षेत्र से उनके चुनाव लड़ने की संभावना है। वर्ष 2000 में गठित झारखंड में अभी तक चार मुख्यमंत्री हुए हैं और सभी आदिवासी हैं।
ध्यान दें
प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .
लोकप्रिय समाचार
-
वयोवृद्ध माकपा नेता ज्योति बसु की हालत आज भी अत्यंत गंभीर बनी हुई है। साल्टलेक स्थित एएमआरआई अस्पताल में 95 वर्षीय माकपा नेता के इलाज के लिए...
-
पटना। बिहार में डॉल्फिन की संख्या बहुत तेजी से घटती जा रही है। भारत में करीब दो हजार डॉल्फिन हैं जिनमें से करीब 1300 के बिहार में पाई जाती...
-
राजेश कानोडिया कहते हैं पक्षी राज गरुड़ का मनभावन क्षेत्र कोसी का किनारा होता है। तभी तो ये पक्षी प्रति वर्ष इस क्षेत्र में आकर विचरण करते ...
-
पटना उच्च न्यायालय ने पूर्व में दिये गये निर्देश के बाद भी सरकार के हलफनामा नहीं दायर करने पर शुक्रवार को गहरी नाराजगी जतायी। न्यायाधीश अजय...
-
भारत यात्रा पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी गर्मजोशी और आकषर्क व्यक्तित्व की बदौलत स्कूली बच्चों का दिल जीत लिया। ओबामा ने मु...
-
कांग्रेस प्रत्यासी सदानंद सिंह के अनुसार केन्द्र में मजबूत सरकार सिर्फ़ कांग्रेस ही दे सकती है। भाजपा मुद्दा विहीन है। जनता ने इस दफे अगर ...
-
सेवा निवृत शिक्षिका पंचा देवी(७५) के निधन पर श्राद्ध कर्म पश्चात बिहारी अतिथि सदन , नवगछिया में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान संतमत सत्सं...
-
उर्दू के नामचीन शायर अखलाक मुहम्मद खान शहरयार को 44वां ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की शुक्रवार को घोषणा की गई। उन्हें यह पुरस्कार वर्ष 2008 के लि...
-
राजस्थान में गुर्जरों की आरक्षण की मांग पूरी होने वाली है। राज्यपाल एस के सिंह ने गुरुवार रात इस संबंध में विधेयक पर अपनी मंजूरी दे दी। इसके...
-
केलांचल के नाम से चर्चित नवगछिया इलाके में केले की प्रचुरता को देखते हुए अब इसके औद्योगिकरण की पहल शुरू हो गई है। भले ही केले पर उद्योग लगान...