25 सितंबर, 2009

पाक पर धनवर्षा जारी रखेगा अमेरिका

हाल ही में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने स्वीकार किया था कि अमेरिका से मिलने वाली आर्थिक सहायता का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ करता है। लेकिन इस खुलासे से अमेरिका ने कोई सबक नहीं सीखा। तभी तो अमेरिकी सीनेट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली असैन्य सहायता तिगुनी करने संबंधी कैरी लुगर बिल को आम सहमति से पास कर दिया है। इसके तहत पाकिस्तान को 2014 तक हर साल 1.5 अरब डालर [करीब 72 अरब रुपये] दिए जाएंगे।

भारत ने पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक सहायता पर आपत्ति जताई है। भारत का भी यही करना है कि पाकिस्तान इस धन का इस्तेमाल उसके खिलाफ छद्म युद्ध में करता है।

कैरी-लूगर बिल पर सीनेट में शुक्रवार को वोटिंग हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 'फ्रेंड्स आफ डेमोक्रेटिक पाकिस्तान' नामक मीटिंग में पाकिस्तान को दी जाने वाली असैन्य सहायता राशि पांच करोड़ से डेढ़ अरब करने की घोषणा की। मीटिंग में 26 देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे। अफगानिस्तान-पाकिस्तान में ओबामा के विशेष दूत रिचर्ड होलब्रूक ने इसे अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों के लिए जरूरी बताया।

होलब्रूक ने कहा, 'अमेरिकी कांग्रेस के आधुनिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ एक साल में कई वादे किए हों।' पाकिस्तान को असैन्य सहायता बढ़ाने पर भारत ने भी आपत्तिजताई है। न्यूयार्क में भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा, 'पाकिस्तान इस धन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ करता रहा है। मुशर्रफ ने खुद यह स्वीकार किया है।' भारत ने अमेरिका से अपील की है कि वह पाकिस्तान को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर नजर रखे। कैरी-लूगर विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि पाकिस्तान, भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई संचालित न कर पड़ोसियों के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में मदद करेगा। हालांकि ओबामा जब चाहें इस सहायता को रोक सकते हैं।

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