पशुपतिनाथ मंदिर के भारतीय पुजारियों पर हुए हमले के दो दिन बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच इस मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए आज दोबारा खोल दिया गया। वहीं, माओवादियों ने इस पाँचवी सदी के मंदिर तक जाने वाले मार्ग में रूकावट डाली और भारतीय पुजारियों की नियुक्ति को लेकर नेपाल सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
नेपाल के पूर्व विद्रोहियों ने मंदिर में पूजा अर्चना कराने के लिए सरकार द्वारा भारतीय पुजारियों को नियुक्त किए जाने का विरोध किया और उन्हें पद से हटाने की माँग की। उन्होंने इनके स्थान पर ‘खुली प्रतियोगिता’ के तहत नेपाली पुजारियों को नियुक्त करने की माँग की।
माओवादियों ने संघर्ष समिति के प्रमुख ऋषि शर्मा और माओवादियों द्वारा पशुपति क्षेत्र विकास ट्रस्ट के प्रमुख नियुक्त किए गए परमानंद शाक्य ने माँग की कि पुजारियों को नियुक्त करने के लिए एक स्वतंत्र चयन समिति का गठन किया जाए, जो आवेदन मँगाकर योग्य पुजारियों का चयन करेगी।
यूनेस्को में दर्ज इस मंदिर को शुक्रवार की घटना के बाद बंद कर दिया गया था। इस घटना में दो भारतीय पुजारियों की माओवादियों पिटाई की थी। मंदिर के द्वार को आज सुबह चार बजे लोगों को लिए खोल दिया गया। यहाँ पूजा-अर्चना करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु कतार में खड़े थे।
शुक्रवार को हुई इस घटना में कर्नाटक के रहने वाले गिरीश भट्ट और राघवेंद्र भट्ट नाम के पुजारियों पर हमला किया गया था। माओवादियों ने 40-50 की संख्या में पहुँचकर उनके कपड़े फाड़ दिए और जनेउ तोड़ दिया।
इस बीच, सुरक्षाकर्मियों ने मंदिर में दोबारा माओवादियों की किसी तरह की घुसपैठ को रोकने के लिए आज हर श्रद्धालु की जाँच की।
ट्रस्ट के सदस्य सचिव सुशील नहाता ने बताया कि मंदिर को खोल दिया गया है यहाँ पूजा-पाठ करने के लिए लोगों को इजाजत दे दी गई है। उन्होंने बताया कि हालात अभी शांतिपूर्ण है और किसी तरह का प्रदर्शन भी नहीं हो रहा है।
इस बीच, माओवादियों के प्रवक्ता कृष्ण बहादुर महार ने दावा किया है कि शुक्रवार की इस घटना में उनके कैडर शामिल नहीं थे। उन्होंने दावा किया कि वे स्थानीय लोग हैं, जिन्होंने पुजारियों की पिटाई की लेकिन इसका आरोप माओवादियों के सिर मढ़ा जा रहा है।
नहाता ने बताया कि ट्रस्ट कार्यालय को माओवादियों द्वारा लगाए गए ताले को तोड़कर खोला जा रहा है। उन्होंने बताया कि कार्यालय के कामकाज को शुरू करने के लिए हम इस पर लगाए गए ताले को तोड़ रहे हैं, जिसे पिछले हफ्ते माओवादियों ने लगाया था।
इस बीच, नेपाल की विदेश मंत्री सुजाता कोइराला इस हमले को ‘खेदजनक कार्य’ बताया और चेतावनी दी कि इस तरह की घटना भारत और नेपाल के बीच की सदियों पुराने दोस्ताना संबंधों को नुकसान पहुँचा सकती है।
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