18 सितंबर, 2009

ममता दीदी ने बढ़ाई लालू की मुश्किलें

पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव पर एक बार फिर सीबीआई का शिकंजा कस सकता है। रेलमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सीबीआई को लालू यादव के कार्यकाल में रेल भर्ती में हुए घोटाले के आरोपों की जांच का जिम्मा सौंप दिया है। वैसे सीबीआई इस मामले में जांच शुरू करने से पहले सरकार के संकेतों का इंतजार कर रही है क्योंकि उसे लालू यादव के खिलाफ भाजपा के सहयोगी जद-यू द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच का पत्र मिला है। यही कारण है कि कांग्रेस लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई जांच से होने वाले नफा-नुकसान का हिसाब लगाने में जुट गई है और इसी पर सीबीआई जांच की दशा और दिशा निर्भर करेगी। सीबीआई प्रवक्ता हर्ष भाल ने स्वीकार किया कि इस संबंध में रेल मंत्रालय का पत्र बुधवार को ही उनके कार्यालय को मिल गया है। इस पर अभी विचार किया जा रहा है, लेकिन अब तक जांच के स्वरूप का फैसला नहीं किया गया है। सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मामले में तीन स्थितियां हो सकती हैं। पहली ये कि सीबीआई एफआईआर दर्ज कर सीधे मामले की पूरी जांच शुरू कर दे। दूसरे सीबीआई पहले मामले की प्रारंभिक जांच कर यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि एफआईआर दर्ज करने लायक है या नहीं। तीसरी स्थिति में सीबीआई मामले की जांच से भी इनकार कर सकती है। सूत्रों के अनुसार सीबीआई सरकार के संकेतों का इंतजार कर रही है और उसके अनुसार ही वह फैसला करेगी। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई जांच के आदेश को सही ठहराते हुए कहा कि वे लालू प्रसाद का सम्मान करती हैं और उनके खिलाफ कोई व्यक्तिगत पूर्वाग्रह नहीं है, लेकिन रेलवे में हुई भर्तियों के खिलाफ उनके पास उड़ीसा, महाराष्ट्र व पूर्वोत्तर के राज्यों के कई सांसदों की शिकायतें आ चुकी हैं। इस पर संसद में भी सवाल उठा था जिस पर मैंने जांच का आश्वासन दिया था। इसके अलावा एक हाईकोर्ट ने भी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाया था। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए शिकायतों की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित कराने के लिए सीबीआई को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। दूसरी ओर सीबीआई का कुछ और ही कहना है। उसके मुताबिक उसके पास सिर्फ जद-यू के एक सांसद की शिकायत का मामला ही जांच के लिए भेजा गया है। जद-यू ने पिछले साल लालू प्रसाद पर जमीन के बदले में रेलवे में नौकरी देने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग की थी। अपने आरोपों के समर्थन में जद-यू ने कई दस्तावेज भी सौंपे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए रेलवे का विजलेंस विभाग इसकी जांच कर रहा था।

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