13 सितंबर, 2009

भारत में बढ़ रहा है स्वाइन फ्लू का असर

भारत में पिछले दो माह में स्वाइन फ्लू से 165 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और विश्व स्वास्थ्य संगठन काकहना है कि देश में इस महामारी के बढ़ने के आसार हैं।

इस घातक बीमारी के संबंध में डब्ल्यूएचओ ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट में लिखा है कि एशिया केउष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में श्वसन संबंधी बीमारियों की गतिविधि भौगोलिक तौर पर क्षेत्रीय या व्यापक होती है लेकिनभारत, बांग्लादेश और कंबोडिया में यह सामान्य तौर पर बढ़ रही है।

यहाँ स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में स्वाइन फ्लू से मौत के मामलों कोअन्य देशों की तुलना में सर्वाधिक कहा है।

एजेंसी ने कहा है कि दक्षिणी गोलार्ध के शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में इस बीमारी की सक्रियता घट रही है। इस क्षेत्रमें चिली, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश हैं।

डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत में रोगी सरकारी अस्पताल में आने से पहले औसतन दो निजी स्वास्थ्य देखभालसंस्थानों में जा रहे हैं। संगठन ने कहा कि मृतक रोगियों में से 44 प्रतिशत को मधुमेह, फेफड़े, हृदयरोग या एड्सजैसी शिकायत थी।

हालाँकि डब्ल्यूएचओ ने भारत में स्वाइन फ्लू की तीव्रता और असर को अब तक हलकी श्रेणी में रखा है। इसमहामारी के असर को खत्म करने के लिहाज से संगठन ने स्कूलों को भी बंद करने की सिफारिश की है।

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि स्कूल बंद करना एहतियाती कदम की तरह कारगर हो सकता है, जिससे स्कूलों में एवंअन्य व्यापक समुदाय में इसके प्रसार को कम किया जा सकता है।

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