24 सितंबर, 2009

रमेश कुमार ने 32 साल बाद भारत को दिलाया काँस्य पदक

भारत के रमेश कुमार ने डेनमार्क के हेरनिंग में चल रही विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 74 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में काँस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया।

उत्तरप्रदेश के इस पहलवान ने वह कर दिखाया, जो ओलिम्पिक काँस्य पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार नहीं कर सके। उन्होंने इस प्रतिष्ठित स्पर्धा में 32 साल बाद भारत को पहला पदक दिलाया। रमेश ने मोलडोवा के अलेक्जेंडर बर्का को तकनीकी अंकों के आधार पर हराया। रेपेचेज राउंड के बाद स्कोर 7-7 से बराबर था।

रमेश ने निराशाजनक शुरुआत की और 0-3 से पिछड़ गए। दूसरे सत्र में शानदार वापसी करते हुए उन्होंने दो अंक बनाए और आखिरी सत्र में पाँच अंक लेकर जीत दर्ज की।

इससे पहले रमेश ने अमेरिका के डस्टिन श्लाटेर को 3-2 से हराया था। ब्रिटेन के माइकल ग्रंडी को 4-2 और बुल्गारिया के किरिल तेर्जिव को 7-4 से हराकर वे सेमीफाइनल में पहुँचे थे।

सेमीफाइनल में अजरबैजान के चामसुलवारा सी के हाथों 0-5 से हारकर हालाँकि वे स्वर्ण पदक की दौड़ से बाहर हो गए। इस वर्ग में स्वर्ण पदक रूस के डेनिस टी ने जीता।

इससे पहले ओलिम्पिक काँस्य पदक विजेता सुशील कुमार वह कारनामा करने से चूक गए, जो विश्व मुक्केबाजी में विजेंदरसिंह ने कर दिखाया। सुशील को 66 किलो फ्रीस्टाइल के काँस्य पदक प्लेऑफ मैच में पराजय का सामना करना पड़ा था।

महिला वर्ग में भारत की निर्मला देवी को 48 किलोवर्ग के पहले ही दौर में ब्रिटेन की याना स्टाडनिक ने हराया, जबकि बबीता कुमारी को 51 किलोवर्ग के क्वार्टर फाइनल में मोलडोवा की नतालिया बूडू ने मात दी।

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