24 सितंबर, 2009

निमार्णाधीन चिमनी गिरी, 25 श्रमिक मरे

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित भारत एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के निमार्णाधीन विद्युत संयंत्र की चिमनी के ढहने से कम से कम 25 मजदूरों की मृत्यु हो गई तथा करीब 80 अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। राज्य के मुख्यमंत्री रमनसिंह ने घटना की न्यायिक जाँच के आदेश दिए हैं। दूसरी ओर नाराज मजदूरों ने चिमनी बनाने कंपनी के एक कर्मचारी को पीट-पीटकर मार डाला।

कोरबा जिले के कलेक्टर अशोक अग्रवाल ने बताया कि जिले के बालको क्षेत्र में निमार्णाधीन 12 सौ मेगावाट के विद्युत संयंत्र की चिमनी के ढहने से कम से कम 25 मजदूरों की मौत हो गई। मजदूरों को मलबे से बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

अग्रवाल ने बताया कि बालको के 1200 मेगावाट के विद्युत संयंत्र में सेफको कंपनी द्वारा चिमनी निर्माण का कार्य किया जा रहा है। सेफको कंपनी ने इसका कार्य जीडीसीएल कंपनी को सौंपा है। निर्माण कार्य के दौरान आज मजदूर जब चिमनी में काम कर रहे थे, तभी चिमनी अचानक ढह गई और मजदूर इसके नीचे दब गए।

उन्होंने बताया कि अधिकारियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी तब तत्काल घटनास्थल के लिए पुलिस दल रवाना किया गया तथा राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया। कलेक्टर ने बताया कि अभी तक 20 शवों को बाहर निकाला जा चुका है तथा कई मजदूरों के मलबे में दबे होने की आशंका है।

राज्य के पुलिस विभाग के प्रवक्ता पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) आरके विज ने बताया कि 223 मीटर ऊँची चिमनी के पास लगभग तीन सौ मजदूर काम कर रहे थे तथा अभी भी लगभग 70 मजदूरों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है।

विज ने बताया कि चिमनी स्टोर रूम और कैंटीन पर गिरी है, जिसके कारण मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है। इधर राज्य शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमनसिंह ने इस हादसे की न्यायिक जाँच के आदेश दे दिए हैं तथा प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा है।

अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने घटना में मारे गए मजदूरों के परिवार वालों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि देने तथा घायलों का बेहतर इलाज की भी घोषणा की है।

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