30 अगस्त, 2009

राजनाथ जाएँगे, आडवाणी बने रहेंगे

भाजपा में नेतृत्व पर्वितन की प्रक्रिया के चलते मचे घमासान के बीच पार्टी ने रविवार को स्पष्ट किया कि पार्टी अध्यक्ष राजनाथसिंह को दूसरा कार्यकाल नहीं मिलेगा, क्योंकि पार्टी विधान इसकी अनुमति नहीं देता। पार्टी ने विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के राजनीति से अवकाश लेने की अटकलों को भी खारिज किया।
सिंह को दूसरा कार्यकाल दिए जाने की संभावना पर पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने यहाँ सीधे कहा कि नहीं, हमारे यहाँ केवल एक कार्यकाल दिया जाता है, अत: किसी के मन में इस बारे में कोई संदेह नहीं रहना चाहिए। हर तीन साल बाद नए अध्यक्ष को चुनने के लिए चुनाव होता है।
राजनाथ का कार्यकाल इस साल दिसंबर में समाप्त हो रहा है। पार्टी विधान के अनुसार अध्यक्ष तीन साल के लिए चुना जाता है और वह लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित नहीं किया जा सकता है।
उधर सूत्रों ने बताया कि अरुण जेटली, एम. वेंकैया नायडू, सुषमा स्वराज और अनंत कुमार में से किसी को अगला अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इनकार कर दिया है। संघ किसी ऐसे व्यक्ति को इस पद पर आसीन करने के पक्ष में है जो राजनाथ या आडवाणी खेमे के व्यक्ति के रूप में नहीं देखा जाता हो।
दूसरी ओर विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी के राजनीति से अवकाश लेने की अटकलों को वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने हैदाराबाद में कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आडवाणी के अवकाश लेने या उनको कोने में धकेलने की मीडिया की अटकलें निराधार हैं। आडवाणी को कौन कोने में धकेल सकता है, किसमें ऐसी क्षमता है?
उधर भाजपा अध्यक्ष राजनाथसिंह को दूसरा कार्यकाल नहीं देने की औपचारिक घोषणा के बीच अगले कुछ महीनों में नेतृत्व परिवर्तन किए जाने की शुरू हुई प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच विचार विमर्श की सरगरमी आज भी जारी रही।

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