19 अगस्त, 2009

नोकिया मोबाइल चली गांवों की ओर

खेत-खलियान हो या फिर कारपोरेट दफ्तर मोबाइल अब लोगों की जरूरत बन गया है। बाजार में पैठ बनाने के बाद दिग्गज मोबाइल कंपनी नोकिया गांवों की ओर चल पड़ी है।

ग्रामीण अंचलों में कंपनी मोबाइल फोन पर किसानों को हिंदी एवं मराठी में कृषि, शिक्षा और मनोरंजन से जुड़ी जानकारी देगी। नोकिया ने ग्रामीण बाजार पर खास तवज्जो देते हुए देश भर में नोकिया लाइफ टूल के तहत स्थानीय एवं विशेष सेवाएं शुरू की हैं।

कंपनी ने सरकारी एवं निजी उद्यमों के साथ मिलकर देश भर में नोकिया लाइफ टूल सेवा के कमर्शियल शुरुआत की घोषणा की है। ग्रामीण उपभोक्ताओं पर केंद्रित इस सेवा में कृषि, सूचना शिक्षा से जुड़ी जानकारी दी जाएगी।

नोकिया कारपोरेशन के चेयरमैन व सीईओ ओली पेक्का कालासुवो ने बताया कि बाजार की अग्रणी कंपनी के तौर पर हमारा जोर पूरे ईकोसिस्टम की उपयोगिता को विकसित करने पर रहेगा। उनका मानना है कि संसाधनों एवं विचारों के आदान-प्रदान से उत्पादों एवं सेवाओं को मोबाइल के नए दौर में ले जाया जाएगा।

कंपनी ने 12 राज्यों में विशेष माइक्रोफाइनेंसिंग सेवा शुरू करने की भी घोषणा की है। इससे पहले नोकिया ने माइक्रोफाइनेंस संस्थानों के साथ मिलकर आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक के 2500 गांवों में महिलाओं को 100 रुपये की 25 साप्ताहिक किश्तों पर मोबाइल हैंडसेट दिए थे।

नोकिया इंडिया के वाइस चेयरमैन एवं एमडी डी शिवकुमार ने बताया कि आंकड़ों के तहत वर्ष 2010 तक देश में 50 करोड़ लोग मोबाइल का लाभ उठा सकेंगे। गांवों में 13 प्रतिशत की मोबाइल पहुंच पर उनका मानना है कि आगामी समय में इन इलाकों में बड़े पैमाने पर विकास होना है।

नोकिया लाइफ टूल में किसानों को बीजों, उर्वरक एवं कीटनाशकों, फसल के बाजार मूल्य और मौसम के बारे में बताया जाएगा। जबकि शिक्षा सेवा में अंग्रेजी भाषा सिखाने के अलावा विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं सहित कैरियर सलाह भी दी जाएगी। वहीं मोबाइल फोन पर ग्राहक समाचारों से लेकर मनोरंजन की दुनिया से रूबरू होंगे।

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