11 अगस्त, 2009

मानसून का सही आकलन नहीं कर पाई सरकार

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) की भविष्यवाणी सटीक नहीं होने के बारे में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव शैलेश नायक ने कहा कि मानसून और जलवायु परिवर्तन बड़े विषय हैं और हमारा आकलन लगातार बेहतर हो रहा है, लेकिन मैं इस बात से सहमत हूँ कि हम नियमित रूप से क्षेत्रवार आकलन नहीं कर पाए हैं।
उन्होंने कहा सक्रिय और खंडित मानसून चक्र के आकलन के संबंध में प्रयोग पिछले वर्ष से जारी है, लेकिन अभी तक अपेक्षित परिणाम नहीं प्राप्त हो सके हैं। इस विषय पर विभिन्न परिस्थतियों में चार-पाँच वर्ष तक प्रयोग जारी रहेंगे।
नायक ने कहा इस प्रयोग के संबंध में हम सीमैक्स और स्पेस एप्लीकेशन सेंटर आदि से सहयोग कर रहे हैं। मानसून की सटीक भविष्यवाणी और इसके उपयोग में समन्वय की कमी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस वर्ष मानसून की अनिश्चितता के मद्देनजर रोपाई चिंता का विषय बन गई है, लेकिन हमें अगस्त के अंत तक इंतजार करना चाहिए, तभी अंतिम तस्वीर उभर कर सामने आएगी। यह बात सही है कि समान्य से कम वर्षा हुई है।

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