25 अगस्त, 2009

'घरेलू गैस सिलेंडर लगे वाहन जब्त हों'

विधि आयोग ने अपनी नई रिपोर्ट में घरेलू गैस सिलेंडर लगे वाहनों को जब्त करने के लिए मोटर वाहनअधिनियम में कानूनी प्रावधान का समर्थन किया है।
विधि आयोग ने भी अपनी हालिया रिपोर्ट में इस बात की सिफारिश की है कि ऐसे वाहनों के चालकों और मालिकोंको गिरफ्तार कर उन पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।
आयोग ने अपनी सिफारिश में कहा कि प्रवर्तन उपायों का यह महत्वपूर्ण हिस्सा है कि मोटर वाहन अधिनियम केनियम 118 कोअधिक प्रभावी तरीके सेसे लागू किया जाए।
यह नियम इस बात को अनिवार्य बनाता है कि अधिसूचित वाहनों में हटाने योग्य या छेड़छाड़ मुक्त स्पीड गवर्नरलगाया जाना चाहिए जिसे परिवहन प्राधिकार के आधिकारिक सील से सीलबंद किया जाए।
पैनल ने यह भी कहा कि शहर के सभी प्रवेश और निकास तथा सभी चुंगी संग्रह केंद्रों पर क्षमता से अधिक भारलेकर चलने वाले वाहनों की जाँच के लिए वाहनों को तौलने वाला उपकरण लगाया जाना चाहिए
लीगल रिफॉर्म्स टु कॉम्बैट रोड एक्सीडेंट्सरिपोर्ट में सड़क दुर्घटना से मुकाबले के बारे में है और उसने इसे रोकनेके तरीके सुझाये हैं।
आयोग ने देश में सार्वजनिक निजी भागीदारी से ड्राइविंग स्कूलों की स्थापना की भी सिफारिश की है। इसमें कहागया है कि स्कूलों में सिमुलेटर लगे होने चाहिए और उन्हें उचित तरीके से तैयार ड्राइविंग प्रशिक्षण माड्यूलअपनाना चाहिए तथा सामान्य शुल्क पर प्रशिक्षण देना चाहिए।
रिपोर्ट में सरकारी वाहनों को थर्ड पार्टी के बीमा जोखिम के मामले में कोई छूट नहीं देने तथा इसके लिए मोटरवाहन अधिनियम की धारा 146 में संशोधन करने की भी सिफारिश की गयी है।
एक अध्ययन के हवाले से आयोग ने कहा है कि देश में प्रत्येक वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में साढ़े पाँच सौ अरब रुपए कीक्षति होती है। पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले कुल लोगों का 5.4 फीसदी भारत में घायल होतेहैं।
रिपोर्ट में यह भी सिफारिश की गयी है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 184 (खतरनाक ड्राइविंग) में कैद कीसीमा बढ़ा कर पाँच साल कर देनी चाहिए।

ध्यान दें

प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .

लोकप्रिय समाचार