09 अगस्त, 2009

पाकिस्तानी विदेश सेवा में पहला हिन्दू

पाकिस्तान की विदेश सेवा में शामिल होने वाले पहले हिंदू ज्ञानचंद ने रविवार को कहा कि वे सहिष्णु और समान अवसर प्रदान करने वाले समाज के रूप में’ देश की सही तस्वीर पेश करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।
ज्ञानचंद को सेंट्रल सुपीरियर सर्विसेज परीक्षा में पास होने के बाद विदेश सेवा के लिए चयनित किया गया। चंद ने एक टेलीविजन समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार के दौरान यह बात कही।
दक्षिणी सिंध प्रांत के थारपारकर के निवासी ज्ञानचंद ने कहा कि विदेश सेवा के अधिकारी के तौर पर उनके चयन ने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के बीच संदेश प्रेषित किया है कि पाकिस्तान में उनके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं।
ज्ञानचंद ने कहा कि उनका चयन हिंदू युवकों को और कठोर श्रम करने के लिए प्रोत्साहित करेगा कि वे भी पाकिस्तान में किसी भी पद तक पहुँच सकते हैं, बशर्ते वे साबित कर दें कि वे पद के योग्य हैं।
ज्ञानचंद विदेश सेवा अकादमी में इस महीने की शुरुआत में विशेष प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद विदेश सेवा में शामिल हुए। पाकिस्तान की 16 करोड़ से अधिक की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी दो फीसदी से भी कम है।

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