जिन्ना पर लिखी पुस्तक के कारण भले ही जसवंत सिंह को भाजपा से बाहर का रास्ता देखना पड़ा हो लेकिन उनकी यह किताब जबरदस्त तरीके से बिक रही है और प्रकाशकों का कहना है कि गुजरात सरकार की पाबंदी बिक्री को और बढ़ाएगी।
'जिन्ना: इंडिया, पार्टीशन, इंडिपेंडेंस' के प्रकाशक रूपा एंड कंपनी के चेयरमैन आरके मेहता ने कहा कि प्रतिबंध बिक्री के लिहाज से च्च्छा रहा है। मेहता ने कहा कि उन्होंने मीडिया के माध्यम से ही इस प्रतिबंध के बारे में सुना था। उन्होंने कहा कि आज तक मैंने गुजरात सरकार के राजपत्र की सार्वजनिक अधिसूचना नहीं देखी है। जब मैं यह अधिसूचना देख लूंगा कि किस आधार पर इस पर प्रतिबंध लगाया गया, तभी मैं प्रतिक्रिया दे सकता हूं।
पूरे देश में पुस्तक की बिक्री को काफी च्च्छा बताते हुए उन्होंने कहा कि हम आपको सही संख्या नहीं बता सकते क्योंकि यह व्यापारिक गोपनीयता है लेकिन पुस्तक भंडारों पर इसका स्टॉक नहीं रुक रहा।
उन्होंने कहा कि यह हर जगह बिक रही है, यह पाकिस्तान में खूब बिक रही है और हमें लंदन, बांग्लादेश तथा आबू धाबी से भी ऑर्डर मिले हैं। विभाजन का विषय दुनिया में हर कहीं काफी रुचि का विषय रहा है।
जहां तक भारत की बात है कि इस घटनाक्रम को भुलाया नहीं जा सकता। इसमें एक ऐतिहासिक महत्व है और इसके इर्दगिर्द विवाद के आने से निश्चित तौर पर जिज्ञासा भी बढ़ जाएगी।