31 अगस्त, 2009

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से 24 की मौत

डॉक्टर का काम होता है मरीज का जान बचाना. लेकिन पटना मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से अबतक करीब दो दर्जन लोगों की जान जा चुकी है. आलम ये है कि डॉक्टरों के बिना अब इमरजेंसी भी लगभग ठप हो गई है.
पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जारी जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल ने चिकित्सा सुविधाओं की कमरतोड़ दी है. अबतक दो दर्जन से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है. ऊपर से हड़ताल के चलते दलालों भी भी चांदी हो गई है.
हालांकि अस्पताल प्रशासन चिकित्सा सुविधाओं में कमी तो मानता है लेकिन दलालों की बात से साफ इंकार करता है. दरअसल जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि स्टाइपेंड को बतौर वेतन दिया जाये. जबकि सरकार ने अभी तक सिर्फ उनका स्टाइपेंड ही बढ़ाकर 13 हजार से 25 हजार किया है, खास बात ये है कि अब ये हड़ताल दूसरे राज्यों में भी फैल रही है.

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