भारत सरकार की एक समिति के आँकड़ों के अनुसार भारत मे गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वालों की संख्या में 10 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है। ये नए आँकड़े एसडी तेंडुलकर की अध्यक्षता में बनी एक समिति ने दिए हैं।
इस समिति की रिपोर्ट को मानें तो पहले से गरीबी रेखा के नीचे जी रही आबादी में 11 करोड़ लोग और जुड़ गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की कुल आबादी का कम से कम 38 प्रतिशत हिस्सा गरीबी रेखा के नीचे का जीवन जीता है।
हालाँकि इस रिपोर्ट को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस रिपोर्ट के आँकड़ों का जिक्र खाद्य सुरक्षा विधेयक को तैयार करने के लिए दिए गए पृष्ठभूमि दस्तावेजों में किया गया है।
इन नए आँकड़ों पर पहुँचने के लिए तेंडुलकर समिति ने नई प्रणाली का इस्तेमाल किया है। इस विधि के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता जैसे मानक प्रयोग किए गए हैं।
योजना आयोग से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार गरीबी के नए आँकड़ों का पता लगाने वाली नई विधि काफी जटिल है। उनके अनुसार इस विधि में पहले की चिंताओं और शंकाओं का निदान करने का प्रयास किया गया है।
खर्च : नए आँकड़ों का मतलब ये हुआ कि भारत सरकार को इस तबके को खाद्य सुरक्षा पर ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। पिछले चार साल में सरकार ने गरीबी उन्मूलन से जुड़ी अपनी कुछ योजनाओं पर एक करोड़ 51 लाख 460 करोड़ रुपए खर्च किया है और आने वाले समय में ये खर्च और बढ़ेगा।
तेंडुलकर समिति के हिसाब से सरकार को खाद्य अनुदान पर नौ हजार 500 करोड़ रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे। भारत मे गरीबी के आँकड़े और इन आँकड़ों को जुटाने की विधि को लेकर विवाद रहा है।
इसी साल जून में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की एक समिति की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीती है। वर्ष 2007 में बनी अर्जुन सेनगुप्ता रिपोर्ट में ये आँकड़ा 77 प्रतिशत बताया गया था।
जबकि इसी साल जून में बनी ग्रामीण विकास मंत्रालय की एनसी सक्सेना समिति ने कहा था कि भारत की आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे रहती है।
ध्यान दें
प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .
लोकप्रिय समाचार
-
वयोवृद्ध माकपा नेता ज्योति बसु की हालत आज भी अत्यंत गंभीर बनी हुई है। साल्टलेक स्थित एएमआरआई अस्पताल में 95 वर्षीय माकपा नेता के इलाज के लिए...
-
राजेश कानोडिया कहते हैं पक्षी राज गरुड़ का मनभावन क्षेत्र कोसी का किनारा होता है। तभी तो ये पक्षी प्रति वर्ष इस क्षेत्र में आकर विचरण करते ...
-
कांग्रेस प्रत्यासी सदानंद सिंह के अनुसार केन्द्र में मजबूत सरकार सिर्फ़ कांग्रेस ही दे सकती है। भाजपा मुद्दा विहीन है। जनता ने इस दफे अगर ...
-
सेवा निवृत शिक्षिका पंचा देवी(७५) के निधन पर श्राद्ध कर्म पश्चात बिहारी अतिथि सदन , नवगछिया में आयोजित सत्संग कार्यक्रम के दौरान संतमत सत्सं...
-
गंगापार में राजद की चुनाव में खस्ता हालत के बावजूद बिहपुर के राजद विधायक शैलेश कुमा र उर्फ बुलो मंडल का पार्टी छोड़ने का कोई इरादा नहीं है।...
-
नवगछिया बाजार की सड़कों का बुरा हाल है। बाजार की एक भी सड़क दुरूस्त और चलने लायक नहीं है। गोपालपुर प्रखंड को नवगछिया बाजार से जोड़ने वाली सड़क म...
-
बुनकरों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराते देख नाबार्ड ने उनके लिए रात में भी वस्त्र का उत्पादन जारी रखने पहल की है। इसके तहत उन्हें बिना ख...
-
प्रधानमंत्री की तनख्वाह उनके मीडिया सलाहकार से महज 30 हजार रुपए अधिक है। प्रधानमंत्री को हर माह मिलते हैं 1.60 लाख रुपए तो पंकज पचौरी (मीडिय...
-
कौशल किशोर मिश्र, भागलपुर बिहार के भागलपुर, मधेपुरा, पूर्णिया, कोसी व सीमांचल के दियारा (डेल्टा) इलाकों में पुलिस-प्रशासन का नहीं गुंडा बैं...
-
उड़ीसा में एक सीनियर आईएएस अफसर जगदानंद पांडा और उनके परिवार के 4 लोगों की रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है. ये वारदात उड़ीसा के बरगढ़ में हुई....