20 जुलाई, 2009

अनिवार्य शिक्षा अधिकार विधेयक पेश

केन्द्रीय मानव संसाधन विकासमंत्री कपिल सिब्बल ने सोमवार को सदन में उक्त आयु वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार देने संबंधी विधेयक 2008 को राज्यसभा में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया।
विधेयक पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा की नजमा हेप्तुल्ला ने कहा कि इस विधेयक के आने में देर हुई है। इसे वर्ष 2005 में ही आ जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का सार्वभौमिक होना देश की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है। प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा जुबान में दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ संस्कृति से भी परिचित होते हैं।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी हमारी अनिवार्यता है, पर प्राथमिक स्तर पर शिक्षा मातृभाषा में ही देना बेहतर होगा।
उन्होंने जानना चाहा कि विधेयक में पड़ोस के स्कूल का जिक्र किया गया है, पर इसकी अच्छी तरह व्याख्या नहीं की गई है। इस संदर्भ में मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति ने भी सवाल उठाए थे, जिसे स्पष्ट किया जाना चाहिए।

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