19 जुलाई, 2009

कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक खस्ताहाल नहीं


केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने रविवार को कहा कि भारत बैंकों के राष्ट्रीयकरण के मीठे फल चख रहा है और देश के राष्ट्रीयकृत बैंक वित्तीय संकट के हाल के दौर में भी मजबूत बने रहे जबकि इसी दौरान पश्चिमी देशों में अनेक निजी बैंक बंद हो गए.
मुखर्जी ने पश्चिम बंगाल के रायगंज में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किए. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश के राष्ट्रीयकृत बैंक लाभ कमा रहे हैं और बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि पश्चिमी देशों में अनेक बैंक बंद हो चुके हैं या दिवालिया घोषित हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि 40 साल पहले इसी दिन इंदिरा गांधी ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण का बड़ा कदम उठाया और जिसका लाभ देशवासी आज उठा रहे हैं.
मुखर्जी ने कहा कि यूपीए सरकार ने 2008 में किसानों की ऋण माफी की घोषणा की तो आलोचकों का कहना था कि इससे राष्ट्रीयकृत बैंक कमजोर होंगे. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 2008 के बजट में किसानों के लिए 60,000 करोड़ रुपये के ऋणों को माफ करने की घोषणा की और उसके बाद कोई भी राष्ट्रीयकृत बैंक खस्ताहाल नहीं हुआ है. मुखर्जी ने यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में 5001 किसानों को कार्ड वितरित किए.

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