भोपाल। मध्य प्रदेश में कई ऐसी वारदातें सामने आ चुकी हैं जिसने मानवता को तार-तार कर दिया। मगर मंगलवार को जो घटना सामनें आई उसने तो भ्रष्टाचार के दौर में मानवीय संवेदनाओं का गला ही घोंट दिया। गरीबी के चलते इलाज न हो पाने पर पहले तो एक बुजुर्ग की मौत हो गई फिर अंतिम संस्कार के लिये लड़कियां नहीं मिल सकी तो उसके साइकिल के टायरों के जरिये जला दिया गया। इतना ही नहीं पहली बार शव अधजली रह गई तो उसे गांव वालों ने दोबारा जलाया।
संवेदनाओं के अंतिम संस्कार की यह हिला कर रख देने वाली वारदात मध्य प्रदेश के छतरपुर गांव में सामने आया। गरीबी की हकीकत नरपत सिंह यादव की मौत ने सामने ला दी। नारायण बाग पहाड़ी में रहने वाले नरपत बीमार थे और उनकी मौत हो गई। उनके अंतिम संस्कार के लिए लकडि़यों तक का इंतजाम नहीं हो सका। नरपत की पत्नी सावित्री ने बताया कि जब अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिली, तो परिचित लोगों ने कुछ लकड़ियां इकट्ठी करने के साथ वाहनों के टायर जुटाए।
इससे नरपत का अंतिम संस्कार किया गया। बात यहीं समाप्त हो जाती तो भी ठीक था मगर हुआ कुछ यूं कि टायरो से जलाया गया शव अधजला ही रह गया। उसके बाद जो हुआ उसने मानवीय संवेदनाओं को झकझोर कर रख दिया। शव को दोबारा जलाया गया। इस बात को नगर पालिका के अधिकारी भी स्वीकार करते हैं। नरपत के परीचित का कहना है कि नरपत के घर में खोन का एक दाना नहीं था तो ऐसे में कफन और लकड़ी कहा से आती लिहाजा उन लोगों को लकड़ी, पुआल, टायर और अन्य ज्वलनशील समाग्री इक्कठी करनी पड़ी।
यह कम पड़ी तो नरपत की पत्नी ने अपनी झोपड़ी तोड़ उसे भी नरपत की चिता में झोंक दिया। बेसहारा सावित्री ने पति के चिता को आग दिया। हां इस दौरान उसके साथ के नाम पर आसपास के लोग खड़े जरूर हो गए थे। मालूम हो कि मध्य प्रदेश में मानवीय संवेदनाएं तार-तार होने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले एक शव को ढोने के लिए वाहन न मिलने पर एक पिता अपनी बेटी के शव को साइकिल पर बांधकर ढोने को मजबूर हुआ था।
मर चुका है शासन का जमीर, नीरस प्रशासन
एक तरफ तो शासन की तरफ से गरीबों के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं पर उन योजनाओं का कितना लाभ गरीबों और वास्तविक हकदारों को मिल पाता है ये किसी से छुपा नहीं हैं। सारी योजनाएं कागजों पर ही निगल ली जाती हैं, जो बचती हैं उसे दलाल खा जाते हैं। इसी भ्रष्टाचार को लेकर तरफ तो लाखों लोग अन्ना का साथ दे रहे है तो दूसरी तरफ लोगों की संवेदनाएं इस कदर मर चुकी हैं कि लोग अब अपने आसपास के लोगों की भी मदद नहीं कर रहे हैं।
ध्यान दें
प्रकाशित समाचारों पर आप अपनी राय या टिपण्णी भी भेज सकते हैं , हर समाचार के नीचे टिपण्णी पर क्लिक कर के .
लोकप्रिय समाचार
-
वयोवृद्ध माकपा नेता ज्योति बसु की हालत आज भी अत्यंत गंभीर बनी हुई है। साल्टलेक स्थित एएमआरआई अस्पताल में 95 वर्षीय माकपा नेता के इलाज के लिए...
-
राजेश कानोडिया कहते हैं पक्षी राज गरुड़ का मनभावन क्षेत्र कोसी का किनारा होता है। तभी तो ये पक्षी प्रति वर्ष इस क्षेत्र में आकर विचरण करते ...
-
कांग्रेस प्रत्यासी सदानंद सिंह के अनुसार केन्द्र में मजबूत सरकार सिर्फ़ कांग्रेस ही दे सकती है। भाजपा मुद्दा विहीन है। जनता ने इस दफे अगर ...
-
नवगछिया बाजार की सड़कों का बुरा हाल है। बाजार की एक भी सड़क दुरूस्त और चलने लायक नहीं है। गोपालपुर प्रखंड को नवगछिया बाजार से जोड़ने वाली सड़क म...
-
केप टाउन. दक्षिण अफ्रीका के केप प्रांत में एक बस के पलट जाने से 24 लोगों की मौत हो गई है। यातायात अधिकारी ने आज बताया कि यह दुर्घटना डी डोन...
-
बुनकरों के अस्तित्व पर संकट के बादल मंडराते देख नाबार्ड ने उनके लिए रात में भी वस्त्र का उत्पादन जारी रखने पहल की है। इसके तहत उन्हें बिना ख...
-
नवगछिया स्टेशन पर पूर्वमध्य रेल के महाप्रबंधक गिरीश भटनागर ने प्लेटफोर्म संख्या दो पर उपरिगामी पुल का उद्घाटन किया। मौके पर उपस्थित मारवाड...
-
हिंदी सिनेमा जगत की खूबसूरत अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी शादी से पहले सगाई करने की योजना बनाई है। शिल्पा ने गुरुवार को घोषणा की वे आगामी शनिवार...
-
प्रधानमंत्री की तनख्वाह उनके मीडिया सलाहकार से महज 30 हजार रुपए अधिक है। प्रधानमंत्री को हर माह मिलते हैं 1.60 लाख रुपए तो पंकज पचौरी (मीडिय...
-
महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचलप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए डाले गए मतों की गिनती जारी है। अब तक प्राप्त नतीजों और रुझानों के मुताबिक का...