16 सितंबर, 2009

सभी विभाग खर्च में कटौती करें-वित्त मंत्रालय

बढ़ते राजकोषीय घाटे के बीच सरकार ने विभिन्न विभागों से मितव्ययता बरतते हुए अगले साल के अपने बजटप्रस्तावों में गैर जरूरी खर्चों में 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी करने को कहा है।

वित्त मंत्रालय ने 2010-11 के बजट परिपत्र में विभिन्न विभागों को निर्देश दिया है कि वे 2010-11 के बजट केलिए अपने-अपने प्रस्तावों में गैर वेतन और गैर योजना परिव्यय में चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान कीतुलना में कम से कम 5 से 10 प्रतिशत तक की कमी लाएँ।

परिपत्र में कहा गया है कि विभिन्न विभाग पिछले वित्त वर्ष 2009-10 के संशोधित अनुमान की तुलना में गैरयोजनागत और गैर वेतन खर्चों में 5 से 10 फीसद कटौती समेत अन्य आर्थिक उपाय अपनाए जाने के निर्देशों कीपुष्टि करें।

परिपत्र में कहा गया है कि अगले वित्त वर्ष के लिए मौजूदा व्यय की समीक्षा जरूरी है। साथ ही योजनागत और गैरयोजनागत दृष्टिकोण से विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की प्राथमिकता निर्धारित की जाए। गैर जरूरीस्कीमों को या तो बंद किया जाए या फिर उसके खर्चों में कटौती की जाए या फिर दूसरी योजनाओं में उसे मिलायाजाए।

गौरतलब है कि खर्चों में कटौती के इरादे से वित्त मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में मंत्रियों और विभिन्नविभागों को यात्रा, सेमिनार, प्रदर्शनी और अन्य कार्यालय संबंधी खर्चों पर 10 फीसद कटौती करने की सलाह दीथी। गैर योजनागत व्ययों में 5 फीसद कटौती किए जाने का बात कही गई है।

बजट परिपत्र में सभी मंत्रियों और विभागों से कहा गया है कि जो स्कीम वित्त वर्ष 2009-10 के बाद जारी नहींरहनी है, उसे 2010-11 के बजट अनुमान में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

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