23 अगस्त, 2009

अब बिस्कुट पर महंगाई की मार

दाल, चावल, चीनी और फल-सब्जियों के बाद अब बिस्कुट के महंगे होने की बारी है। निर्माता कंपनियां एक सितंबर से इसके दाम बढ़ाकर आपकी चाय का मजा किरकिरा करने जा रही हैं। प्रियागोल्ड, अनमोल और ड्यूक ब्रांड से बिस्कुट बनाने वाली कंपनियां कीमतों में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी करने वाली हैं। बोन, क्रेमिका, अप्सरा और क्राउन ब्रांड के बिस्कुटों का भी अधिकतम खुदरा मूल्य [एमआरपी] बढ़ेगा।

इन कंपनियों ने कच्चे माल की महंगाई के चलते उत्पादन खर्चो का बढ़ा हुआ बोझ उपभोक्ताओं पर डालने का फैसला किया है। भारतीय बिस्कुट निर्माता संघ [आईबीएमए] की सदस्य छोटी व मझोली कंपनियों की पिछले सप्ताह बैठक हुई। इसमें मैदा, चीनी और वनस्पति जैसी कच्ची सामग्रियों की बढ़ती कीमतों के बारे में चर्चा हुई। इसमें दो विकल्पों पर विचार हुआ कि या तो कंपनियां कीमत बढ़ाएं या फिर मौजूदा दाम बरकरार रखते हुए वजन कम करें, लेकिन बिस्कुट पैकेट के वजन को कम करने पर सहमति नहीं थी। आईबीएमए के अध्यक्ष बीपी. अग्रवाल ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती तो यह बढ़ोतरी करीब 10 फीसदी तक होगी। आईबीएमए ने सरकार को पत्र लिखकर बिस्कुट निर्माताओं को रियायती दर पर मैदा व चीनी जारी करने का अनुरोध किया है। साथ ही बिस्कुट पर वैट दरें घटाने की भी अपील की है। प्रियागोल्ड के डायरेक्टर शेखर अग्रवाल ने कहा कि इस साल जनवरी से अगस्त के बीच थोक बाजार में मैदा 8, चीनी 60, वनस्पति 41, मक्खन 37 और स्किम्ड मिल्क पाउडर 36 फीसदी महंगे हो चुके हैं। बिस्कुट को सेंकने में इस्तेमाल किए जाने वाले फर्नेस आयल की कीमतें भी इस दौरान 40 फीसदी बढ़ चुकी हैं। इससे बिस्कुट कंपनियों के मार्जिन में 15 से 20 फीसदी की कमी आई है।

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