अमेरिकी खाद्यान्न परिषद के अनुसार पिछले सप्ताह मक्का की कीमतें 3.6 फीसदी बढ़कर औसन 9,500 रुपये प्रति टन के स्तर पर पहुंच गई।
अमेरिकी खद्यान्न परिषद के भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने कहा कि मक्का की कीमतें पिछले सप्ताह 3.6 प्रतिशत बढ़कर 9,500 रुपये प्रति टन हो गईं। भारत में इसका औसत मूल्य पिछले वर्ष से 7.6 फीसदी अधिक है। आंध्र प्रदेश में कीमतें 1.7 फीसदी बढ़कर 8,500 रुपये प्रति टन हो गई जबकि तमिलनाडु में यह 4.1 फीसदी बढ़कर 8,900 रुपये प्रति टन हो गई। गुजरात में इसकी कीमतें 10,000 रुपये प्रति टन, कर्नाटक में 9,200 रुपये प्रति टन, महाराष्ट्र में 9,100 रुपये प्रति टन, राजस्थान में 10,300 रुपये प्रति टन और उत्तर प्रदेश में 9,200 रुपये प्रति टन पर स्थिर रहीं।
दस राज्य सूखा प्रभावित हैं जहां बरसात में कमी लगभग 26 फीसदी है। उत्तर प्रदेश के मक्का क्षेत्र में 40 फीसदी कम बारिश हुई जबकि मध्य प्रदेश में यह 29 से 37 प्रतिशत कम रही।
देश में लगभग 246 जिलों को सूखा प्रभावित घोषित किया गया है। नेपाल भी सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहा है और वहां की सरकार ने भारत से 4,50,000 टन गेहूं और चावल के निर्यात की अनुमति दिए जाने का अनुरोध किया है। सचदेवा ने कहा कि नेपाल मक्के की अपनी जरूरत को भी भारत से पूरा करता है और इस वर्ष सूखे की स्थिति के साथ नेपाल में मक्का की फसल 15 प्रतिशत कम होने की उम्मीद है जिसका बोझ भारत पर ही आने वाला है।
वायदा बाजार में मक्के का सितंबर अनुबंध 9960 रुपये प्रति टन पर स्थिर रहा जबकि अक्टूबर डिलीवरी वाला अनुबंध एक फीसदी बढ़कर 9680 रुपये प्रति टन हो गया।