24 अगस्त, 2009

बिहार में आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्र के लोग पीएंगे गंगाजल

बिहार के आर्सेनिक प्रभावित क्षेत्रों के लोग अब गंगा जल पीएंगे। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से राज्य के जिन जिलों का शुरुआती चरण में चयन किया गया है, उनमें भोजपुर, भागलपुर, बक्सर, पटना और वैशाली शामिल हैं। सूबे के 15 जिलों में आर्सेनिक का प्रभाव पाया गया है, लेकिन तत्काल उन्हीं क्षेत्रों में गंगाजल की लिफ्टिंग हो सकती है जो गंगा नदी के किनारे बसे हैं।

बक्सर जिले के 130, पटना के 25, वैशाली के 45 गांवों के अलावा भागलपुर जिले के 200 से अधिक गांवों के लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत उन्हीं गांवों का चयन किया गया है जो आर्सेनिक प्रभावित हैं। विभाग इन क्षेत्रों के जल नमूने की जांच पहले ही कर चुका है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के लिए मल्टीविलेज स्कीम की स्वीकृति दी गई है।

भागलपुर जिले में सुल्तानगंज और नाथनगर प्रखंड के आर्सेनिक प्रभावित 86 तथा इसी जिले के कहलगांव व पीरपैंती प्रखंड के 141 गांवों का चयन किया गया है। मालूम हो कि सुल्तानगंज में गंगा का उत्तरवाहिनी बहाव है। सावन और भादो माह में यहां काफी संख्या में शिव भक्त जुटते हैं। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बताया कि सुल्तानगंज में इस योजना के चालू हो जाने से श्रद्धालुओं को भी लाभ पहुंचेगा। भोजपुर में योजना का क्रियान्वयन शुरू किया गया है। बक्सर और पटना में अभी काम शुरू होना है। भागलपुर के सुल्तानगंज और नाथनगर की योजना पर 78.29 करोड़ की राशि खर्च होगी।

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