21 अगस्त, 2009

बिहार में बाढ़ से स्थिति गंभीर, दो बांध टूटे

झंझारपुर निर्मली रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में तेज बारिश से जहां उत्तर और पूर्व बिहार की कई नदियां फिर से उफना गयी हैं वहीं जलस्राव में व्यापक वृद्धि के चलते कोसी नदी ने तटबंध के कई विन्दुओं पर अपना पुराना करतब दिखाना शुरू कर दिया है। कुल मिलाकर बिहार में बाढ़ से स्थिति गंभीर हो गयी है।
पूर्वी चंपारण जिले के बंजरिया प्रखंड की फुलवार उत्तरी पंचायत में दुधौरा नदी तथा दरभंगा जिले के रामपुर पचासी में अधवारा समूह की बुढ़नद नदी पर बने दो बांध टूट गये। दुधौरा नदी का बांध घोड़मरवा में एक जगह 30-35 फुट तथा दूसरी जगह 5 से 10 फुट तक टूट गया है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक स्थिति की गंभीरता को देखते हुए हाईअलर्ट कर दिया गया है। चारों तरफ चौकसी बरती जा रही हैं। बुढ़नद नदी पर 2004 में बने बांध के गुरुवार की देर शाम रामपुर पचासी के निकट टूट जाने घोघराचंट्टी, सहसपुर, ननुआ, खेसरमटरबाही समेत जाले व इसके निकटवर्ती क्षेत्र के निचले हिस्से में पानी तेजी से फैलने लगा है।
अररिया व किशनगंज में डूबने से एक-एक की मौत हो गयी। जबकि ठाकुरगंज में नेपाल सीमा पर स्थित एसएसबी का एक कैंप मेची नदी में डूब गया है। बेतिया में ओरिया और सिकटा नदी के जलस्तर में वृद्धि से सिकटा स्टेशन पर गुरुवार को फिर से बाढ़ का पानी चढ़ गया है।
मधुबनी में भुतही नदी के जलस्तर में भारी वृद्धि से बाढ़ का पानी परसा बसुआरी व किसनीपट्टी के बीच रेल लाइन पर आ गया है। इससे झंझारपुर निर्मली रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है। बाढ़ की विभीषिका के मद्देनजर रेल प्रशासन ने अगले आदेश तक ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। गुरुवार से पांच जोड़ी सवारी गाडि़यों का परिचालन बंद कर दिया गया है।
समस्तीपुर में सिंघिया व बिथान के दर्जनभर गांव बाढ़ से घिर गये हैं। पश्चिमी चंपारण में गंडक के जलस्तर में वृद्धि से बगहा एक, पिपरासी, मधुबनी व ठकराहां प्रखंड की कई पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सिकटा रेलवे स्टेशन से करीब आधा किलोमीटर पश्चिम में ओरिया नदी रेल पुल 52 ए के ऊपर से बाढ़ का पानी बह रहा है। मधुबनी में सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। समस्तीपुर जिले से गुजरने वाली करेह, कोसी, बलान व कमला नदी में भारी उफान आ गया है। इसके कारण सिंघिया व बिथान प्रखंड के दर्जन भर गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं।

दरभंगा में कोसी, कमला, बलान नदी के जलस्तर में उछाल से कुशेश्वरस्थान के दोनों प्रखंडों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गयी है। दोनों प्रखंडों की मुख्य सड़क सहित सभी ग्रामीण सड़कों पर दो से ढाई फुट पानी बह रहा है। सीतामढ़ी में गुरुवार को भी बागमती नदी के डुब्बाधार, कटौंझा, ढेंग रेलवे पुल का जलस्तर लाल निशान से ऊपर था। रातो, हरदी व मरहा नदी में उफान से सीतामढ़ी-सुरसंड, पुपरी-सीतामढ़ी पथ पर आवागमन ठप है। पूर्णिया के अमौर प्रखंड क्षेत्र में दास व परमान नदियों का कहर जारी है। बुधवार की रात नदियों की कटान में अलग-अलग गांवों के दस परिवारों के घर नदी में विलीन हो गये। वहीं सड़क कटने से बागढर पंचायत का प्रखंड मुख्यालय से सम्पर्क भंग हो गया है।

लखीसराय के हलसी प्रखंड की भुरहा नदी में बुधवार को अचानक आई उफान के कारण हलसी प्रखंड कार्यालय, बीडीओ आवास व अन्य कार्यालय सहित पांच दर्जन से अधिक घरों में पानी घुस गया। अररिया-कुआड़ी पथ पर तीन फुट पानी बह रहा है। सुपौल के सरायगढ़ में बाढ़ का पानी झ़ोली, सियानी, बलथरवा, भुलिया, कटैया, बनैनियां, औरही, सनपतहा, इटहरी, परवाहा, खाप सदानंदपुर, लौकहा पलार, कवियाही, कड़हरी, तकिया, उग्रपट्टी, बहुअरवा सहित अन्य गांवों में चार फीट तक प्रवेश कर चुका है।

लखीसराय के हलसी प्रखंड के भुरहा नदी में बुधवार को अचानक आई उफान से प्रखंड विकास पदाधिकारी का आवास व कार्यालय, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी कार्यालय, प्रखंड के कनीय अभियंता के आवास में रखे आवश्यक कागजात नष्ट हो गये। कटिहार में कमला नदी में उफान आने से गोलाघाट पुल पर आवागमन की विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। हालांकि कुछ दिन पूर्व ग्रामीणों के सहयोग से डायवर्सन पर चचरी पुल का निर्माण कराया गया था, लेकिन बढ़ते जलस्तर के कारण यह नाकाफी साबित हो रहा है। खासकर दो पहिया एवं भारी वाहनों का कुरेठा की ओर आवागमन बंद हो गया है।

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