25 अगस्त, 2009

अमेरिका:स्वाइन फ्लू से 90,000 मौतों का खतरा

अमेरिका में मौसम बदलने के साथ ही एलर्जी से होने वाला फ्लू भी फैलता है। इस बार इस सामान्य फ्लू के साथ स्वाइन फ्लू भी फैलने की आशंका से चिंतित है अमेरिका। प्रशासन ने आगाह किया है कि अमेरिका की आधी आबादी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ सकती है तथा यहां के 90 हजार लोग तक इस बीमारी के कारण जान गंवा सकते हैं।
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के वैज्ञानिक एवं तकनीकी सलाहकारों ने आगाह किया है कि अमेरिका में करीब 18 लाख लोगों को एच1एन1 संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती कराना पड सकता है, जिनमें तीन लाख लोगों को सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में भर्ती कराना पड सकता है।
सलाहकारों ने कल जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि देशभर के अस्पतालों के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) के लगभग सारे बिस्तरों को फ्लू के मरीजों के लिए देना पड सकता है।
इस रिपोर्ट से चिंतित अमेरिकन हास्पिटल एसोसिएशन के जेम्स बेंटली ने कहा कि यदि फ्लू के इतने सारे मरीज आते हैं तो हृदय की बाई पास सर्जरी या हार्निया आपरेशन जैसे महत्वपूर्ण आपरेशन भी स्थगित करने पड जाएंगे। इससे बहुत विकट स्थिति हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि हमारे पास छह महीनों के लिए 18 लाख लोग भर्ती हो जाये तो बडी मुसीबत खडी हो जाएगी। श्री ओबामा ने इस स्थिति पर चिंता प्रकट करते हुए वैज्ञानिक सहालकारों से फ्लू के टीके का उत्पादन तेज करने को कहा है। शुरूआती टीके के सितंबर मध्य तक बाजार में आ जाने की आशा है।
अमेरिकी स्वास्थ्य एवं मानवीय सेवा मामलों की मंत्री कैथलीन सिबैलियस ने कहा कि यह कोई मामूली फ्लू नहीं है। एच1एन1 का यह विषाणु अत्यंत घातक है। उन्होंने कहा कि इसका अंदाजा उन्हें भी नहीं है कि सर्दियों में यह क्या रूप अख्तियार करेगा लेकिन इससे काफी अधिक लोगों के प्रभावित होने की आशंका है।
उन्होंने बताया कि टीका बनाने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। अक्टूबर मध्य तक टीके बाजार में आसानी से उपलब्ध होंगे।

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