27 अगस्त, 2009

पंचायतों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण

पंचायतों में महिलाओं के लिए आरक्षण बढ़ा कर पचास प्रतिशत करने के प्रस्ताव को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को मंजूरी दे दी।
प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी।
पंचायतों में महिलाओं का आरक्षण पचास प्रतिशत करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 243 (डी) में संशोधन करना होगा। अभी पंचायतों में महिलाओं को एक-तिहाई आरक्षण प्राप्त है।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने चार जून को संसद के संयुक्त अधिवेशन में नई संप्रग सरकार की प्राथमिकताओं को गिनाते हुए अपने भाषण में पंचायतों तथा शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं का आरक्षण बढ़ा कर पचास प्रतिशत करने की बात कही थी।
अपने उस भाषण में राष्ट्रपति ने कहा था कि चूँकि महिलाएँ वर्ग, जाति और लिंग जैसे बहुतेरे भेदभावों का शिकार हैं, इसलिए पंचायतों और स्थानीय निकायों के जरिये सार्वजनिक जीवन में उनकी उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास किए जाने की सख्त जरूरत है।
भाजपा और उसके नेतृत्व वाले राजग शासित बिहार, उत्तराखंड, हिमाचलप्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में पंचायती राज में महिलाओं को पहले ही पचास प्रतिशत आरक्षण दिया जा चुका है।
इनके अलावा राजस्थान ने 2010 के पंचायती चुनाव से यह प्रस्ताव लागू करने की घोषणा की है। केरल ने भी इसे लागू करने को कहा है।

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