22 अगस्त, 2009

स्वाइन फ्लू से अब तक 48 की मौत

स्वाइन फ्लू के कारण सीआरपीएफ के एक जवान सहित चार लोगों की मृत्यु होने के बाद देश भर में इस वैश्विक महामारी के कारण मरने वालों की संख्या 48 हो गई। इस बीच केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने इस स्थिति का ठीकरा राज्यों के सिर पर फोड़ते हुए कहा है कि इस बीमारी से निपटने के लिए राज्य ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं।
सुरक्षा बल में किसी जवान की मृत्यु का पहला मामला सामने आया है। वहीं स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि स्वाइन फ्लू को रोकने में राज्य सरकारें अपने कर्तव्य का पालन नहीं कर रही हैं।
नागपुर में शुक्रवार को 60 वर्ष की एक महिला की स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मामले के कारण मृत्यु हो गई। सीआरपीएफ जवान वाईएस राव की 14 अगस्त को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित सिम्स अस्पताल में मृत्यु हो गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि उसके स्वैब के नमूनों की जांच से कल पुष्टि हुई कि राव को स्वाइन फ्लू का संक्रमण था। आजाद ने एक बैठक में कहा कि राज्य सरकारों को अपने दायित्व के पालन में कंधे से कंधा मिलाकर काम करना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर रही हैं।
स्वाइन फ्लू के कारण कर्नाटक में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि महाराष्ट्र में 22 लोगों की मृत्यु हो गई। गुजरात में पाँच, छत्तीसगढ़ में तीन, दिल्ली में दो, तमिलनाडु में दो, केरल और उत्तराखंड में एक-एक व्यक्ति की जान जा चुकी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि केन्द्र की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्य अपना दायित्व नहीं निभा पा रहे हैं।
राजधानी में स्वास्थ्य मंत्रियों को संबोधित करते हुए आजाद ने कहा कि केन्द्र एक हद तक ही जा सकता है, आप हमसे उस हद से आगे जाने की अपेक्षा मत कीजिए। उन्होंने कहा कि यह हमारी अधिकतम क्षमता है। इससे आगे राज्य सरकारों को अपने दायित्वों को निभाना है।
आजाद ने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक में कहा कि केंद्र सरकार ही दवा खरीदने, टीके की खोज करने एवं डॉक्टरों के प्रशिक्षण सहित सब कुछ कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र के अधिकारी कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं राज्य स्तर के अधिकारियों से रात के 10 बजे तक बैठने और कुछ रिपोर्ट देने एवं काम करने की उम्मीद करता हूँ। राष्ट्रीय स्तर पर हमारे हस्तक्षेप के कारण हमें इतनी सफलता मिली है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय की भी एक सीमा है। मैं सभी मंत्रालयों एवं सचिवालयों से अनुरोध करता हूँ कि वे सक्रिय हों एवं अस्पतालों की पहचान करें।

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