अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन जब भारत से रवाना हुई तो उनके साथ तोहफों की टोकरी में बहुत कुछ था। ये तोहफे अमेरिका की कराहती अर्थव्यवस्था को कुछ सुकून की सांसें दे सकते हैं। मुस्कुराहट से दिल जीतने में माहिर हिलेरी मेजबान भारत को एंड यूजर एग्रीमेंट पर भी राजी कर ले गई, जिससे अमेरिकी हथियार कंपनियों के लिए खरबों डालर के आर्डर हासिल हो सकते हैं।
अपनी उपलब्धि पर चहकती हिलेरी ने मीडिया से कहा कि एंड यूजर मानीटरिंग समझौते के बाद अमेरिका भारत को संवेदनशील सैन्य तकनीक बेच सकेगा और दोनों देशों के बीच और अधिक सामरिक और रणनीतिक सहयोग का रास्ता साफ हो जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी खेमा इस समझौते के तहत सालाना निरीक्षण की जिद छोड़ने के लिए राजी हो गया है। बताया जाता है कि भारत को बेचे गए सैन्य उपकरणों के लिए अमेरिका अपनी निरीक्षण टीम तब तक नहीं भेजेगा जब तक सुरक्षा का कोई बड़ा मुद्दा नहीं खड़ा होता। इसके अलावा वाशिंगटन ने सैन्य तकनीक के उपयोग को लेकर अपने मानदंडों में भी नरमी दिखाई है। रक्षा बाजार के जानकारों के मुताबिक यह समझौता अमेरिका की हथियार कंपनियों के लिए ताकत का नया टानिक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि भारत जल्द ही 126 लड़ाकू विमानों की खरीद करने जा रहा है और करीब 25 हजार करोड़ रुपये के इस सौदे के लिए अमेरिका की बोइंग और लाकहीड मार्टिन जैसी कंपनियां दौड़ की अगली कतार में हैं। इसके अलावा बेल और नारथ्राप ग्रुमैन जैसी कंपनियों की नजर भारत के 22 लड़ाकू और 15 भारी मालवाहक हैलीकाप्टरों की खरीद पर भी है।
हिलेरी के तोहफों की टोकरी में अमेरिका के परमाणु तकनीक उद्योग के लिए भी अच्छी खबर है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात के दौरान नई दिल्ली ने हिलेरी को भरोसा दिलाया कि भारत में दो स्थानों पर नाभिकीय रिएक्टर लगाने का ठेका अमेरिकी कंपनियों को दिया जाएगा। बताया जाता है कि गुजरात और आंध्रप्रदेश में दो स्थानों पर नाभिकीय रिएक्टर लगाने के इस प्रस्ताव को इस हफ्ते मंत्रिमंडल की भी मंजूरी मिल जाएगी।
हिलेरी क्लिंटन की इस पहली भारत यात्रा के दौरान अमेरिकी उपग्रहों के भारतीय यानों में प्रक्षेपण का रास्ता भी साफ हो गया। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और उनकी अमेरिकी समकक्ष के बीच इस बारे में एक समझौते पर भी सोमवार को दस्तखत किए गए। व्यापारिक उपलब्धियों के अलावा कूटनीतिक तोहफों के लिहाज से भी हिलेरी की झोली खाली नहीं रही। साझेदारी की नई संभावनाओं के दरवाजे खोलने के लिहाज से भी हिलेरी ने नई दिल्ली को कई मामले में साथ चलने के लिए राजी कर लिया। बदले में भारत को हिलेरी ने भरोसा दिलाया कि अपने पति बिल क्लिंटन और फिर जार्ज बुश के राज में शुरू हुआ दोस्ती का सफर ओबामा प्रशासन के राज में न केवल जारी रहेगा बल्कि ज्यादा तरजीह भी पाएगा।