22 जुलाई, 2009

ग्रहण में गूंजी चार नवजात की किलकारियां

सूर्य ग्रहण काल में प्रसव क्रिया को लेकर फैलाई गई भ्रांतियां धूमिल होती नजर आई। निजी चिकित्सालयों की बात न करें तो सरकारी अस्पताल में पांच नवजात पैदा हुए। इनमें एक बच्ची मृत पैदा हुई, जबकि चार बच्चे स्वस्थ हैं।

गांव नवाजपुर निवासी श्रीमती नदीलन को प्रसव पीड़ा के लिए बुधवार की तड़के जिला महिला अस्पताल में दाखिल कराया गया था। सुबह साढे़ पांच बजे ग्रहण का समय शुरू हुआ तो इसके ठीक पांच मिनट बाद ही नदीलन को तेज प्रसव पीड़ा हुई। उसे तुरंत प्रसव गृह में ले जाया गया। जहां पर उसने पांच बजकर पैंतीस मिनट पर एक सुंदर सी नन्हीं बच्ची को जन्म दिया लेकिन यह बच्ची मृत हुई। इसके बाद गांव नौशेरा रायपुर निवासी इसराना को प्रसव पीड़ा हुई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। नाजिरपुरा की रीना, काजी मोहल्ला की सीमा तथा ब्रहमपुरी की किरण ने भी स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया। जिला अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती महिलाओं और उनके परिजनों पर सूर्य ग्रहण को लेकर किसी भी तरह का हौवा नजर नहीं आ रहा था। चिकित्सक गीता बताती हैं कि प्रसव के लिए भर्ती हुई महिलाओं में से किसी भी महिला के परिजनों द्वारा इस तरह का कोई दबाव नहीं डाला गया कि प्रसव सूर्य ग्रहण से पूर्व अथवा बाद में किया जाए। अन्य दिनों की भांति बुधवार को भी सभी प्रसव सामान्य तौर पर हुए।

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