14 जुलाई, 2009

‘बालिका वधू’ से कुछ सांसद खफा!


मशहूर टेलीजिवन धारावाहिक ‘बालिका वधू’ के जरिए देश में बाल विवाह को बढ़ावा दिए जाने पर आज लोकसभा में गहरी आपत्ति दर्ज की गई और सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की गई।सदन में प्रश्नकाल के दौरान जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि देश में बाल विवाह उन्मूलन के लिए लागू ‘शारदा कानून’ के बावजूद इस टेलीविजन धारावाहिक के जरिए बाल विवाह को खुलेआम बढ़ावा दिया जा रहा है और सरकार हाथ पर हाथ धरे चुपचाप बैठी हुई है। उन्होंने सरकार से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने की मांग की।इस मामले में जद (यू) के राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और विपक्षी पार्टियों के कई सदस्यों ने इस मामले में उनकी मांग का समर्थन किया। सूचना और प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने जवाब में कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए प्रसारित कार्यक्रमों पर निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग केन्द्र बनाया गया है, जो इस समय देश भर के 150 चैनलों से प्रसारित कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग कर रहा है।उनके जवाब से असंतुष्ट होकर कई सदस्य अपनी सीट पर खड़े हो गए और मंत्री पर प्रश्न को टालने तथा संदर्भ से अलग हटकर जबाव देने का आरोप लगाया।अंबिका सोनी ने बाद में सदस्यों की मांग पर सहमत होते हुए कहा कि वह इस मामले पर जांच कराएगी तथा जांच के जो भी निष्कर्ष निकलेंगे उससे सदन को अवगत कराएगी।शरद यादव ने अन्य टेलीजिवन चैनलों के जरिए विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए अंधविश्वास, जादू टोने, सामाजिक कुप्रथाओं आदि को बढ़ावा दिए जाने के मुद्दे को भी उठाया जिसपर सोनी ने बताया कि सरकार इस सबंध में देश में जो मौजूदा कानून है, उसके अनुसार ही काम कर सकती है।सरकार ने विभिन्न शिकायतों एवं अपने आकलन के आधार पर अब तक 277 चैनलों को परामर्श एवं नोटिस भेजे हैं, जिनके जबाव में कई चैनलों ने क्षमा भी मांगी है।उन्होंने बताया कि इस बात की कोशिश की जा रही है ताकि मीडिया मॉनिटरिंग केन्द्र 300 चैनलों की मॉनिटरिंग की जा सके।

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